शैंपू एक ऐसी चीज होती है, जिसमें मौजूद इंग्रिडिएंट्स हेयर और स्कैल्प दोनों को काफी प्रभावित करता है। वैसे तो शैंपू का इस्तेमाल बालों को धोने में किया जाता है। लेकिन कई बार गलती से गलत शैंपू चुन लेने से स्किन प्रॉब्लम्स से लेकर गंजेपन तक की समस्या हो जाती है। खासतौर पर यदि शैंपू नकली हो। तब बालों में इसका नुकसान अधिक देखने को मिलता है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि शैंपू में क्या इंग्रिडिएंट्स हैं, यह कितना पुराना है और कितना सुरक्षित, यह सब नकली प्रोडक्ट में समझ पाना बेहद मुश्किल होता है।
इसलिए शैंपू लेने के दौरान आपको इन सारी चीजों का खास ख्याल रखना चाहिए। जैसे आप जो शैंपू इस्तेमाल के लिए ले रही हैं, वह असली है या नकली। असली और नकली की परख करने के लिए आप कुछ चीजों पर ध्यान दे सकती हैं। तो आइए जानते हैं कि कैसे आप असली और नकली शैंपू में फर्क कर सकते हैं।
पैकेजिंग में फर्क
नकली प्रोडक्ट वाले कितनी अच्छी कॉपी क्यों न करें, लेकिन पैकेजिंग में कुछ न कुछ अंतर तो जरूर रह जाता है। जैसे असली और नकली में इंग्रीडिएंट्स की डीटेल ठीक से न छपी होना, स्टिकर गलत लगा होना, फॉन्ट में अंतर और लोगो के आकार या फिर बनावट में अंतर होना। ऐसे में प्रोडक्ट लेने से पहले इसकी पैकेजिंग पर ध्यान रखना चाहिए।
बॉटल की क्वालिटी में फर्क
इसके अलावा कंपनियां अपने प्रोडक्ट के लिए हमेशा अच्छी क्वालिटी की बोतल चुनती हैं। लेकिन डुप्लिकेट माल बनाने वाले ऐसा नहीं करते हैं। यही कारण है कि बोतल की फिनिशिंग से लेकर वजन और मोटाई तक समझौता किया जाता है। यानी की आपको बोतल हाथ में लेते ही असली और नकली का फर्क पता चल जाएगा।
झाग न होना
असली शैंपू थोड़े से में ही झाग छोड़ने लगता है। जबकि नकली प्रोडक्ट में आप कितनी ही मात्रा में शैंपू ले लें। लेकिन पानी के साथ मिलकर वह उतना झाग नहीं बना पाता है। ऐसे में अगर आपका शैंपू भी अधिक झाग नहीं बनाता है, तो इसका मतलब हो सकता है कि आपका प्रोडक्ट नकली है।
जरूरी डेट्स गायब होना
बता दें कि शैंपू की बोतल पर हमेशा मैन्युफैक्चिरिंग और एक्सपायरी डेट्स पड़ी होती है। लेकिन अगर शैंपू नकली है, तो हो सकता है कि आपको यह डेट्स उस बोतल पर न मिलें।
कई बार बनने की तारीख तो लिखी होती है, लेकिन एक्सपायरी डेट गायब हो सकती है। या फिर हो सकता है कि एक्सपायरी डेट को काफी ज्यादा आगे बढ़ाकर लिखा गया है। जो आमतौर पर शैंपू की सेल्फ लाइफ के लिए संभव नहीं है।