महिलाओं के लिए सही नहीं इंटरमिटेंट फास्टिंग, हो सकती हैं यह परेशानियाँ
By Ek Baat Bata | Aug 06, 2021
आजकल वजन कम करने के लिए लोग लो कार्ब डाइट, कीटो डाइट और इंटरमिटेंट फास्टिंग जैसे तरीके अपनाते हैं। वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग एक बहुत प्रचलित डाइट विकल्प बन गया है। इसमें नियमित रूप से उपवास और खाने की अवधि शामिल है। इस डाइट में व्यक्ति को 10, 12, 14 या 16 घंटे के लिए उपवास करने की जरूरत होती है। इंटरमिटेंट फास्टिंग से वजन जल्दी घटता है लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं। खासतौर पर महिलाओं का शरीर ज़्यादा संवेदनशील होने के कारण उन्हें इससे कई नुकसान हो सकते हैं। इससे आपका मेटाबॉलिज़्म कमजोर हो सकता है और आप की हड्डियाँ भी कमजोर हो सकती हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग का लाभ पाने के लिए जरुरी है कि आप फास्टिंग का समय कम रखें और इंटरमिटेंट फास्टिंग को भी लंबे समय तक ना चलाएं। आइए जानते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से महिलाओं को क्या परेशानियाँ हो सकती हैं -
- इंटरमिटेंट फास्टिंग में लंबे समय तक भूखा रहना होता है। इससे शुरुआत में भले ही दिक्क्त हो लेकिन धीरे-धीरे समय के साथ भूख लगनी कम हो जाती है। इससे भले ही वेट लॉस में मदद मिलती हो लेकिन इससे पोषण की कमी, थकान, कमजोरी और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हमारे शरीर को सुचारु रूप से काम करने के लिए पर्याप्त पोषण की जरुरत होती है। इंटरमिटेंट फास्टिंग से भले ही वजन कम कर पाएं लेकिन इससे आपके स्वास्थ्य को नुकसान भी होता है।
- कुछ लोगों को रात के समय ज़्यादा भूख लगती है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो इंटरमिटेंट फास्टिंग करना मुश्किल हो सकता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग में उपवास के दौरान खाना खाने की मनाही होती है। ऐसे में, शुरुआत में आपको खाने के पैटर्न के अनुसार ढलने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है। इसके साथ ही भूख के कारण आपकी नींद खराब हो सकती है।
- इंटरमिटेंट फास्टिंग में एक तय समय अवधि के लिए उपवास रखना होता है। भले ही इस डाइट में आप प्रोटीन, कार्ब्स और फैट का सेवन कर सकते हों लेकिन आपको एक सीमित कैलोरी मात्रा में खाना होता है। फास्टिंग के समय भूख और क्रेविंग के कारण व्यक्ति का स्वाभाव चिड़चिड़ा हो सकता है। इसमें पोर्शन कंट्रोल और हेल्दी ईटिंग पर ध्यान देना होता है जिसके कारण आपको कुछ खास फूड्स की क्रेविंग भी हो सकती है।
- इंटरमिटेंट फास्टिंग में लंबे समय तक भूखा रहने और पर्याप्त पोषण की कमी के कारण धीरे-धीरे हमारे शरीर का मेटाबॉलिज़्म कमजोर होने लगता है। डायबिटीज़ के मरीजों और गर्भवती महिलाओं को इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से अधिक नुकसान हो सकता है।
- इंटरमिटेंट फास्टिंग में कॉफी और चाय पीने की अनुमति होती है। ऐसे में लोग फास्टिंग के दौरान भूख को शांत करने के लिए चाय और कॉफी का सेवन करते हैं। इससे धीरे-धीरे कैफीन पर बहुत अधिक निर्भरता बढ़ जाती है जिससे स्वास्थ्य को नुकसान होता है।