कई बच्चों का मन काफी ज्यादा नाजुक होता है और वह छोटी सी बात पर दुखी हो जाते हैं या टूट जाते हैं। ऐसे बच्चे हर चुनौती का सामना करने के लिए सक्षम नहीं होते हैं। इस तरह के बच्चों की जिंदगी में कई बार ऐसी परिस्थितियां पैदा होती हैं, जब इनकी हिम्मत जवाब दे जाती है। ऐसे में बच्चे को चुनौतियों का सामना करने के काबिल बनाने की जिम्मेदारी पेरेंट्स की होती है।
अगर आपका बच्चा भी जल्द ही हार मान जाता है, या उसकी हिम्मत टूटने लगती है। तो आप उनकी मदद कर सकते हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप बच्चे की जल्दी हार मान लेने वाली आदत को बदल सकते हैं।
प्रयास की करें सराहना
अक्सर पेरेंट्स सीधे 'A' ग्रेड या सफल कार्यों की प्रशंसा करते हैं। लेकिन आपको अपने बच्चे के छोटे-छोटे प्रयासों की भी तारीफ करनी चाहिए। जैसे क्या बच्चे ने ड्राइंग में एक्स्ट्रा समय बिताया, मैथ को सॉल्व करने के लिए नई रणनीति बनाई। साथ ही उनकी मेहनत और धैर्य की भी सराहना करें। साथ ही बतौर पेरेंट्स आप बच्चे को सिखाएं कि समय मूल्यवान है। फिर भले ही आखिरी परिणाम सही न हो।
कामों को बांट दें
जब आप किसी पर्वत को देखते हैं, तो वह बहुत भारी लगता है। ऐसा ही बच्चों के साथ भी होता है, जब बच्चे किसी बड़े प्रोजेक्ट या चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को देखते हैं। तो वह घबरा जाते हैं। ऐसे में आप उसे छोटे-छोटे टास्क में बांट दें। इससे बच्चा डरेगा या घराएगा नहीं। आप साइंस प्रोजेक्ट की टू-डू लिस्ट बनाना या अपने जूते के फीते बांधना हों, एक समय पर उन्हें एक ही काम दें। एक समय पर एक ही काम को वह अच्छे से करेंगे और हर छोटे काम की सफलता के बाद आप अपने बच्चे को प्रोत्साहित करना न भूलें।
छोटे-छोटे लक्ष्य
आप बड़े-बड़े लक्ष्यों को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट दें। इससे बच्चा उनको आसानी से पूरा कर लेंगे और वह इस तरह से बड़े कार्यों को भी आसानी से कर पाएंगे। क्योंकि हर छोटे लक्ष्य को प्राप्त करने पर वह खुशी महसूस करेंगे।
सहानुभूति और समर्थन
बतौर पेरेंट्स आप बच्चे को सहानुभूति और समर्थन दें। बच्चे को यह महसूस कराएं कि वह किसी भी परिस्थिति में अकेले नहीं है और हमेशा उनके साथ हैं। इससे बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह समस्याओं का सामना करने में सक्षम होंगे।