आजकल बहुत कम बच्चे ऐसे होते हैं, जो एक बार में ही अपने पेरेंट्स की बात मान लें। कई बार जिद के कारण पेरेंट्स बच्चे को डांटकर समझाने की कोशिश करते हैं। लेकिन हर समय डांटने से भी बच्चे पेरेंट्स की बातों को अनसुना कर देते हैं। वहीं पेरेंट्स के गुस्सैल स्वभाव का भी बच्चे पर बुरा असर पड़ता है। यदि बच्चा आपको बार-बार परेशान करता है, या फिर जिद करने लगा है, तो आप उसको सुधारने के लिए कुछ आसान टिप्स अपना सकते हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देने जा रहे हैं। जिनकी मदद से आप अपने बच्चों को आसानी से अच्छी आदतें सिखा सकते हैं।
अक्सर हम सभी यह देखते हैं कि जब बच्चा छोटा होता है, तो माता-पिता लाड में आकर बच्चे की हर जिद को पूरा करने लग जाते हैं। जिसके कारण बच्चा आगे चलकर जिद्दी बन जाना जाता है। वहीं कई बार बच्चे गलत आदतों को अपनाते हैं, जैसे किसी पर हाथ उठाना या किसी को उल्टा सीधा बोलना आदि। कई बार पेरेंट्स बच्चे की नादानी समझकर इन चीजों को अनदेखा कर देते हैं। ऐसे में बच्चा बड़ा होकर उन्हीं आदतों को अपनाता है और अपने माता-पिता की बातों को नजरअंदाज करना शुरूकर देता है।
शांति से करें बात
अगर आपका बच्चा जिद्दी है या फिर वह आपकी बात नहीं सुनता है, तो बतौर पेरेंट्स बच्चे पर चिल्लाने से कोई फायदा नहीं मिलेगा। बच्चे को डांटने की बजाय उनको प्यार से समझाएं और उनकी परेशानी को समझने की कोशिश करनी चाहिए। जब आप बच्चे की बात सुनेंगे तो आपको भी जवाब देने की कला आएगी।
न करें बहस
आपके घर के माहौल पर भी बच्चे का स्वभाव निर्भर करता है। क्योंकि अधिकतर समय बच्चा अपने पेरेंट्स के साथ बिताता है। ऐसे में यदि माता-पिता बच्चे के सामने लड़ते हैं, तो स्वाभाविक है कि बच्चे के अंदर भी लड़ाकू स्वभाव आएगा। इसलिए माता-पिता के बच्चे के सामने लड़ाई नहीं करनी चाहिए।
जरूरी है ये नियम
अगर आप भी अपने बच्चे से अनुशासन का पालन करवाना चाहते हैं। तो इसके लिए जरूरी है कि आप अपने घर में कुछ नियम-कायदे बनाएं। इसमें आप सोने, उठने, खाने और पढ़ाई करने व खेलने आदि का समय निर्धारित करें।