अक्सर पेरेंट्स गलत चीज पर बच्चे को रोकते या टोकते नहीं हैं। जिस वह से यह धीरे-धीरे उनके लिए आदत बन जाती है और फिर बाद में इसको छोड़ना काफी मुश्किल होता है। ज्यादातर बच्चे अपने माता-पिता के पैसे फिजूल की चीजों में खर्च करते हैं। कई बार तो बच्चा वह चीजें ले लेता है, जिसकी उनको जरूरत नहीं है। ऐसे में पेरेंट्स परेशान रहते हैं। अगर आप भी बच्चे के इस व्यवहार से परेशान रहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। क्योंकि आज इस आर्टिकल के जरिए हम बताने जा रहे हैं कि पेरेंट्स किस तरह से बच्चे को मनी मैनेजमेंट सिखा सकते हैं। इससे आपका बच्चा फिजूलखर्ची नहीं करेगा।
बच्चों को दें गुल्लक
अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा पैसे की वैल्यू समझे और सेविंग करे तो आप उसको गुल्लक लाकर दें। इससे बच्चे के पास जब भी पैसे आएंगे तो वह खर्च करने की बजाय गुल्लक में डालेगा।
बच्चों को दें टास्क
आप बच्चे को मनी मैनेजमेंट सिखाने के लिए उन्हें टास्क भी दे सकते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आपको कोई काम है, तो आप उसे बच्चे से भी करा सकते हैं। जब बच्चा काम पूरा कर दे तो आप उनको पिग्गी बैग में डालने के लिए कुछ पैसे दे सकते हैं। इससे बच्चा समझेगा कि थोड़े पैसे के लिए कितना काम करना पड़ता है।
बच्चे के सामने न करें दिखावा
पेरेंट्स को कभी भी बच्चे के सामने किसी भी चीज का दिखावा नहीं करना चाहिए। वहीं पेरेंट्स को बच्चे को कभी यह नहीं बताना चाहिए कि आपके पास पैसे की कमी नहीं है। क्योंकि जब आप बच्चे के सामने कहते हैं कि आपके पास पैसे की कमी नहीं है, तो इससे बच्चा बिगड़ने लगता है और बिना सोचे-समझे पैसे खर्च करने लगते हैं।
अगर आप बच्चों के साथ किसी टूर पर जा रहे हैं और रास्ते में आपको भिखारी या ऐसा इंसान दिखता है, जो पैसे के लिए भटक रहा हो। तो आप बच्चे के उसका उदाहरण देकर समझा सकते हैं पैसे नहीं होने पर इंसान की हालत कैसी हो जाती है।
बच्चे के साथ खेले मनी गेम
अगर आप बच्चे को महीने में 200 रुपए देते हैं। तो आप उसके साथ एक मनी वाला गेम भी खेल सकते हैं। आप बच्चे से कहें कि यदि वह पूरे महीने में 150 रुपए की बचत कर लेते हैं, तो आप उनको 20 रुपए एक्स्ट्रा देंगे। वहीं अगर वह पैसे नहीं बचा पाता है, तो आप उससे 20 रुपए ले लेंगे। इससे बच्चा पैसे बचाना सीखेगा। इस तरह से आप बच्चे को आसानी से मनी मैनेजमेंट सिखा सकते हैं।