आजकल की बिजी लाइफस्टाइल के कारण पेरेंट्स बच्चों के साथ समय नहीं बिता पाते हैं। ऐसे में रोजाना बच्चे का होमवर्क पूरा करना पेरेंट्स के लिए इससे भी ज्यादा चैलेंजिंग काम होता है। क्योंकि अधिकतर बच्चे पढ़ाई-लिखाई से ज्यादा खेलकूद और टीवी या फोन चलाने की जिद करते हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई को लेकर माता-पिता चिंतित रहते हैं। वहीं बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया के कारण आजकल बच्चे बुक, कॉपी, पेन और पढ़ाई-लिखाई से दूर होते जा रहे हैं।
वहीं इस बढ़ती टेक्नोलॉजी के चलते बच्चों के फोकस करने की क्षमता भी प्रभावित हो रही है। बता दें कि फोकस एक ऐसी स्किल है, जो जीवन भर हर किसी के काम आती है। फोकस में कमी होने पर बच्चा जीवन में कुछ बड़ा करने में सक्षम नहीं हो पाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से बच्चे को होमवर्क कराने में आसाी होगी।
ऐसे कराएं होमवर्क में मदद
पेरेंट्स को बच्चे की पढ़ाई का टाइम टेबल बनाना चाहिए। वहीं धीरे-धीरे पढ़ाई का समय बढ़ाते जाएं। क्योंकि अगर आप पहले दिन ही पढ़ाई का टाइम टेबल अधिक कर देंगे तो बच्चा उसे फॉलो नहीं कर पाएगा। ऐसे में बिना बच्चे पर दबाव डाले आप पढ़ाई के समय को धीरे-धीरे बढ़ाएं।
बच्चे की पढ़ाई के लिए एक स्टडी स्पेस बनाएं, जहां पर बच्चे को पढ़ाई करने के लिए चेयर और टेबल हो। वहीं आसपास की दीवारों पर पॉजीटिव अफर्मेशन लिखें, जिसको देखकर बच्चा पढ़ाई के लिए प्रेरित हो और पढ़ाई में फोकस कर पाए।
पढ़ाई के दौरान बच्चे को बीच-बीच में ब्रेक जरूर देते रहें। बच्चे को पढ़ाई के बीच में ब्रेक देना इसलिए भी जरूरी होता है, ताकि वह फोकस के साथ पढ़ाई कर सकें। क्योंकि लगातार पढ़ाई करने से बच्चा फोकस नहीं कर पाएगा और बोर होने लगेगा।
बच्चे की पढ़ाई को काम से जोड़ने की कोशिश करें, इससे बच्चा उसमें दिलचस्पी लेगा और अधिक उत्सुकता के साथ पढ़ाई करेगा।
जब बच्चा पढ़ाई कर रहा हो तो प्रयास करें कि वह कम से कम डिस्ट्रैक्ट हो सके। इस दौरान फोन और टीवी को बच्चे से दूर रखें और खुद भी इन चीजों का इस्तेमाल न करें। वरना बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगेगा।
अगर आपका बच्चा पढ़ने में औसत है, तो उस पर टॉप करने के लिए दबाव न बनाएं। बच्चे के लिए रियलिस्टिक लक्ष्य बनाएं और जितना संभव हो सके उतनी ही मेहनत करवाएं।