Mental Health: बच्चे भी होते हैं मानसिक अवसाद के शिकार, जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके

By Ek Baat Bata | Oct 28, 2023

अगर खराब मेंटल हेल्थ के लक्षणों पर ध्यान न दिया जाए तो ऐसे मामलों में गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस बीमारी के बारे में आज भी लोगों को पूरी तरह से जानकारी नहीं हैं और लोग इसके बारे में एक दूसरे से खुलकर बातें भी नहीं करते हैं। अकेलापन, स्ट्रेस, मूड में बदलाव आदि इस बीमारी के लक्षण हैं।
 
इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यह एक बहुत गम्भीर समस्या है। ज्यादातर 14 से 18 साल के बच्चों में यह समस्या देखने को मिल रही है। टीनएज उम्र में बच्चों के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इसी बीच उन बच्चों को बहुत सी नई चीजें सीखने को मिलतीं हैं। जिससे उनको कई बार बड़ी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। इसलिए इस उम्र अगर ये लक्षण दिखाई देते हैं तो उनको इग्नोर नहीं करना चाहिए। 

आजकल अधिकतर घरों में पति-पत्नी दोनों ही वर्किंग होते हैं। जिसके चलते वह अपने बच्चों पर कम ध्यान दे पाते हैं। इस व्यस्तता के कारण पैरेंट्स और बच्चों के बीच अच्छी अंडरस्टैंडिंग नहीं बन पाती है। इसके चलते बच्चे अपने माता-पिता को अपनी परेशानियों के बारे में नहीं बता पाते हैं। जिससे वह स्ट्रेस लेने लगते हैं और मेंटल हेल्थ जैसी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। अगर आपको अपने बच्चे में इस तरह का कोई लक्षण दिखता है तो तुरंत ध्यान देना चाहिए जिससे वक्त रहते समस्या का समाधान ढूंढा जा सके और बच्चों की मेंटल हेल्थ का ख्याल रखा जा सके। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएंगे कि बच्चों की मेंटल हेल्थ का ख्याल कैसे रखा जा सकता है।    

ऐसे सुधारे बच्चों की मेंटल हेल्थ
एक्सपर्ट के अनुसार हमें अपना कुछ समय अपने बच्चों के साथ भी गुजारना चाहिए। उनसे बात करके उनके दिल की बातें सुननी चाहिए और उनको यह विश्वास दिलाना चाहिए कि हर सिचुएशन में आप उनके साथ हो। अगर आप बच्चों से खुलकर बातें करेंगे तो बच्चे भी अपनी समस्याओं को आपके सामने बताने में नहीं हिचकिचाएंगे। आप बच्चों के साथ बैठकर उनकी सभी समस्याओं को ध्यान से सुनें और उनको सुलझाने में उनकी मदद करें। ऐसा करने से मेंटल हेल्थ जैसी बीमारी को बिना काउंसलिंग और बिना दवाओं के भी ठीक किया जा सकता है।     

धैर्यपूर्वक करें काम
अगर आपके बच्चे को खराब मेंटल हेल्थ की समस्या है तो आपको अपने बच्चे में पढ़ाई में मन न लगना, स्कूल न जाना, चिड़चिड़ापन, अकेले रहना, आदि जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं। ऐसे सिचुएशन में आप अपने बच्चे को गुस्से से नहीं बल्कि प्यार से समझाइए। अगर आप उस पर गुस्सा करेंगे तो यह बच्चे के मेंटल हेल्थ पर और भी ज्यादा बुरा प्रभाव डाल सकती है।        

आउटडोर गेम्स
आजकल बच्चों से लेकर बड़े तक दिन भर फोन में लगे रहते हैं। हर समय फोन का इस्तेमाल करना मेंटल हेल्थ के लिए सही नहीं होता है। इसलिए बच्चों को आउटडोर गेम्स खेलने के लिए ज्यादा प्रोत्साहित करें। आउटडोर गेम्स से बच्चे फिजिकली फिट होने के साथ-साथ मानसिक सेहत में भी अच्छे होंगे।  

योगा या एक्सरसाइज
अधिकतर लोग योगा या एक्सरसाइज से दूर भागते हैं। इसका कारण होता है आलस। इसके साथ ही लोग योगा या एक्सरसाइज की आदत भी नहीं डालते। इसलिए बच्चों की बचपन से ही इन सब की आदतें डालनी चाहिए। जो कि उनकी सेहत और शरीर दोनों के लिए फायदेमंद होंगे। आप बच्चों से साइकलिंग, तैराकी, रनिंग जैसी फिजिकल एक्टिविटी करवा सकते हैं।