बच्चे हमेशा अधिक लाड़ और प्यार के भूखे होते हैं। माता-पिता के रूप में हर पेरेंट्स अपने बच्चे के लिए अच्छा चाहते हैं। पेरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा स्वस्थ और खुश रहें और वह अपने जीवन में सफलता प्राप्त करें। कई बार पेरेंट्स बच्चों की ख्वाहिशें और जरूरतों को पूरा करने के चक्कर में उन्हें अपना पर्याप्त समय नहीं दे पाते हैं। जिसके कारण कई बार बच्चे जिद्दी व बागी हो जाते हैं।
इसलिए बच्चों द्वारा किए जा रहे व्यवहार और लक्षणों को माता-पिता को समझना चाहिए। उन्हें बच्चों की इन आदतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बच्चों के कुछ ऐसे संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिससे आप समझ सकते हैं कि बच्चे को ज्यादा प्यार और अपनेपन की जरूरत है।
एडजस्ट न होना
कई बार बच्चे परिवार के अन्य सदस्य या दोस्तों के साथ रहने से इंकार करते हैं या उनसे दूरी बनाने लगते हैं। तो पेरेंट्स को समझना चाहिए तो वह आपका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं। बच्चे आपका ध्यान अपनी ओर करने के लिए दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करने लगते हैं। उन्हें दूसरों के साथ एडजस्ट करने में परेशानी होती है। इसलिए पेरेंट्स को बच्चे के इस व्यवहार को समझकर उनके साथ अधिक समय बिताना चाहिए।
नखरे करना
बच्चे अक्सर अपनी भावनाएं व्यक्त करने के लिए कई तरीके अपना सकते हैं। जैसे वह स्कूल या घर में ड्रामा कर सकते हैं, या दोस्तों व भाई-बहनों के साथ झगड़ा करते हैं। अगर आपके भी बच्चे में इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो उन्हें एक्स्ट्रा प्यार की जरूरत है। बच्चे हमेशा अपने पेरेंट्स का अटेंशन पाना चाहते हैं। इसलिए कई बार वह अपने व्यवहार के विरुद्ध जा सकते हैं।
दूसरों को परेशान करना
अगर आपका बच्चा भी जरूरत से ज्यादा परेशान करने लगा तो समझ जाना चाहिए कि आपके बच्चे को ज्यादा प्यार और अटेंशन की जरूरत हहै। हो सकता है आपका बच्चा हर समय आपके आसपास रहना चाहता हो, आपके पास सोना चाहता हो। लेकिन जब आप अन्य कामों में अपना समय दे रहे होते हैं, तो वह आपको इस तरह से डिस्टर्ब करने की कोशिश करते हैं।
दूसरों से जलन की भावना रखना
अगर आपका बच्चा दूसरों से ईर्ष्या करने लगा है तो पेरेंट्स को समझ जाना चाहिए कि वह आपका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहिए। यह एक संकेत होता है कि वह आपका समय चाहता है। इसलिए आप बच्चे को अपना अधिक से अधिक समय दें जिससे कि बच्चा अकेलापन और उपेक्षित महसूस न करे।
दुखी रहना
कई बार पेरेंट्स उन्हें पर्याप्त समय और प्यार नहीं दे पाते हैं तो बच्चे उपेक्षित महसूस करने लगते हैं। अक्सर वह छोटी-छोटी बातों पर रोने लगते हैं या नाराजगी दिखाते हैं। पेरेंट्स जब बच्चे को पर्याप्त समय नहीं दे पाते हैं तो असुरक्षित और लो-कॉन्फिडेंस की भावना आने लगती है। कई बार बच्चे ज्यादातर दुखी और अकेला महसूस करने लगते हैं।
डे-ड्रीमिंग करना
कई बार अकेलापन होने के कारण बच्चे डे-ड्रीमिंग करने लगते हैं। इससे उनका दिमाग भटकने लगता है। बच्चे अपने आसपास सपनों की एक दुनिया बना लेते हैं। जब बच्चे को पर्याप्त मेंटल एक्टिविटी नहीं मिल पाती है तो वह इस तरह का व्यवहार करने लगते हैं। इसलिए बच्चे को डे-ड्रीमिंग से बचाने के लिए पेरेंट्स को बच्चे के साथ मजेदार एक्टिविटी करनी चाहिए। जिससे बच्चा बोर न हो।