Parenting Tips: हर पेरेंट्स को सिखानी चाहिए बच्चे को ये सारी बातें, रिश्तों में कभी नहीं होंगे फेल

By Ek Baat Bata | Aug 15, 2023

हर पेरेंट्स अपने बच्चे के परवरिश के लिए काफी चिंतित रहते हैं। क्योंकि इस दौरान पेरेंट्स को कई तरह की जिम्मेदारियां निभानी पड़ती है। बच्चा अच्छा हो या बुरा, इसका पूरा श्रेय मां-बाप को जाता है। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चों को रिश्ते की अहमियत समझाना चाहिए। इससे बच्चे को कई चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है। बच्चे मुश्किल समय में मजबूत रहने के साथ ही चीजों को अच्छे से समझता है। जब बच्चा खुद अंदर से अच्छा महसूस करता है, वह दूसरों के साथ अच्छे रिश्ते बनाता है और हमेशा दूसरों की बाउंड्री का ख्य़ाल रखता है। ऐसे में हर पेरेंट्स को यह सारी बातें अपने बच्चे को समझानी चाहिए।

सम्‍मान करना सिखाएं
अपने बच्चे को दूसरों की फिजिकल, इमोशनल और सोशल बाउंड्री को समझना सिखाना चाहिए। बच्चे को कुछ चीजों और पर्सनल स्पेस के बारे में समझाना चाहिए। सामने वाले की इच्छा के बिना दूसरों की चीजों को हाथ न लगाएं। इसलिए अपने बच्चे को दूसरों की पर्सनल स्पेस का सम्मान करना सिखाना चाहिए। इसके साथ ही पेरेंट्स द्वारा बच्‍चे को खुद अपनी भी बाउंड्रीज की सुरक्षा करने के बारे में बताया चाहिए। इन सारी चीजों से जब बच्चा अवेयर होता है। तो वह दूसरों के प्रति गलत व्यवहार नहीं करता है और गलत व्यवहार का विरोध करता है।

इमोशनल इंटेलिजेंस
हर इंसान में तमाम तरह की भावनाएं होती हैं। ऐसे में बच्चे को बाउंड्री के बारे में सिखाकर आप उनके अंदर इमोशनल इंटेलिजेंस पैदा कर सकते हैं। जब बच्चा खुद की भावनाओं को समझेगा तो वह इन्हें अच्छे से व्यक्त भी कर सकेगा। इस तरह से वह दूसरों की भावनाओं को भी आसानी से समझ पाएगा। इस तरह के बच्चे अपने जिंदगी में काफी खुश रहते हैं और तमाम चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होते हैं। इससे वह इमोशनली स्ट्रांग भी बनते हैं।

निर्णय लेने की क्षमता
हर अभिभावक को अपने बच्चे को आत्मनिर्भर और काबिल बनाने पर ध्यान देना चाहिए। इसलिए पेरेंट्स को चाहिए कि बच्चे को छोटी उम्र से ही अपने छोटे-मोटे फैसले करने की आजादी दें। जब बच्चे अपनी जिम्मेदारी लेना खुद सीखते हैं, तो उनके अंदर रिस्क लेने की हिम्मत भी आ जाती है। वहीं जब बच्चे फैसले लेने में सक्षम होते हैं तो वह अपने पेरेंट्स पर निर्भर नहीं रहते हैं। ऐसे बच्चे बड़े होकर आत्मनिर्भर होते हैं और खुशहाल जिंदगी जीते हैं।

दीवार न बनाएं
जिंदगी में हर रिश्ते की अपनी अहमियत होती है। यही रिश्ते हमें लड़ना, प्यार करना और मुसीबत में साथ खड़े रहना सिखाते हैं। जब बच्चा अपनी और दूसरों की बाउंड्री को आसानी से समझने लगता है तो उनके रिश्ते मजबूत होते जाते हैं। वहीं जब बच्चा लिमिट में रहता है और दूसरों की भावनाओं को समझने के साथ ही उनका सम्मान करता है। तो वह रिश्ता उनके आपसी समझ और समानता पर टिका होता है। ऐसे रिश्ते बच्चे को मजबूत इंसान बनाते हैं।