Parenting Tips: बच्चों में बचपन से ही डालें इस खेल की आदत, दिमाग की जला देगा बत्ती

By Ek Baat Bata | Jul 30, 2024

दुनियाभर में कई ऐसे खेल हैं, जिनकी अपनी खासियत होती है। वहीं कुछ खेलों की खासियत हमारी सेहत से जुड़ी होती है। सुबह या शाम के समय जब किसी ना किसी एक खेल एक्टिविटी को अपना लिया जाता है, तो शरीर के कई हिस्से सक्रिय मोड में काम करने लगते हैं। ऐसा ही एक गेम शतरंज का होता है। इस खेल का संबंध दिमागी कसरत से होता है, जो आपके दिमाग को पूरी तरह से खोल कर रख देता है। ऐसे में पेरेंट्स को अपने बच्चे के रूटीन में चेस का गेम शामिल करना चाहिए।

बच्चों में शतरंज खेलने के फायदे
शतरंज का खेल बच्चों के लिए बेस्ट दिमागी कसरत में से एक होती है। कई रिसर्च में भी यह कहा गया है कि यदि आपका बच्चा छोटी उम्र से चेस खेलना शुरूकर देता है। तो उनमें दूरदर्शिता आती है। इस खेल को खेलने से बच्चे आगे की सोचने और प्लानिंग करने के गुण अपने आप विकसित हो जाते हैं। इसके अलावा इस गेम को खेलने के अन्य भी कई फायदे होते हैं।

बढ़ता है फोकस
शतरंज की बात की जाए, तो शतरंज का खेल खेलने से बच्चों का दिमाग फोकस करने लगता है। क्योंकि शतरंज के खेल में बच्चों को कई संभावित चालों पर फोकस करना होता है। वहीं इस गेम से धैर्य और आगे बढ़ने जैसे गुण विकसित होते हैं।

बना सकते है परफेक्ट प्लानिंग
अगर आप बच्चों की खेल एक्टिविटी में शतरंज खेल को शामिल करते हैं। तो इससे बच्चे में प्लानिंग कर पाने की विधा का विकास होता है। इस गेम में प्लानिंग की जरूरत होती है। इस खेल को जीतने के लिए बच्चे को कई कदम आगे की सोच और योजना की जरूरत पड़ती है। ऐसे में यह कौशल बच्चे को जीवन में अन्य क्षेत्रों में भी सफलता पाने में मददगार हो सकता है।

स्ट्रॉन्ग होती है याददाश्त
चेस का खेल खेलने से बच्चे का दिमाग शार्प होने लगता है। साथ ही उनकी याददाश्त बेहतर होती है। इस खेल को खेलने से बच्चे की याददाश्त और तार्किक शक्ति दोनों का विकास होता है। यह गुण बच्चे के बेहतर भविष्य में अहम भूमिका निभाते हैं।

तेज होता है बच्चों का आईक्यू लेवल
पेरेंट्स को बच्चे की रूटीन में चेस गेम को शामिल करना चाहिए। इससे उनका आईक्यू लेवल बढ़ता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जो बच्चे नियमित रूप से शतरंज का खेल खेलते हैं, उनका आईक्यू लेवल अन्य बच्चों से ज्यादा होता है।

बूस्ट होता है कॉन्फिडेंस
अगर आपका बच्चा चेस खेलना पसंद करता है, तो यह उसके कॉन्फिडेंस लेवल को बूस्ट करने का काम करता है। इस खेल से बच्चे फ्लेक्सिबल बनते हैं। यह खेल बच्चों के कॉन्फिडेंस को बढ़ाने के साथ उनमें डिसिप्लिन भी बढ़ाता है।