Parenting Tips: अच्छी परवरिश देने के लिए पेरेंट्स आज से बदल ले ये आदतें, वरना बर्बाद हो जाएगा बच्चे का फ्यूचर

By Ek Baat Bata | Jul 26, 2023

मोबाइल-इंटरनेट और बदलती लाइफस्टाइल के बीच बच्चों की अच्छी और सही परवऱिश नहीं हो पाती है। क्योंकि आपका व्यवहार, आदतें जैसी होंगी बच्चा भी वैसी ही आदतें अपनाएगा। इसलिए भागदौड़ भरी और बिजी लाइफस्टाल के बाद आपको बच्चों के साथ छोटी-छोटी हरकते नहीं करनी चाहिए। क्योंकि आपकी छोटी-छोटी आदतें लाइफटाइम के लिए बच्चे की आदत बन जाएंगी। यह आदतें बच्चों के फ्यूचर के लिए अच्छी नहीं है। ऐसे में अगर आप भी अपने बच्चे को अच्छी और सही आदतें सिखाना चाहते हैं तो आपको आज से ही इन आदतों को बदल लेना चाहिए।

छोटी-छोटी बातों पर न डांटे
कई बार पेरेंट्स बच्चों को छोटी-छोटी बातों पर चिल्लाने व डांटने लगते हैं। ऐसे में यदि बच्चे को पढ़ाई-लिखाई के दौरान कुछ समझ नहीं आ रहा है तो आप उन्हें प्यार से समाझाएं। क्योंकि अगर आप उन्हें बात-बात पर डाटेंगे तो वह आपसे कुछ पूछने से डरेगा। वहीं बात-बात पर बच्चे पर चिल्लाना उन्हें जिद्दी व गुस्सैल बना सकता है।
 
खुद फैसला करने दें
बच्चों को आजादी देने से उनके सोचने-समझने की क्षमता का विकास होता है। जब आप उन्हें आजादी देंगें तो उनकी क्रिएटिविटी में भी निखार आएगा और वह अपनी प्रॉबलम्स को भी आपसे शेयर करेगा। इससे पेरेंट्स और बच्चे के बीच की बॉन्डिंग भी अच्छी होगी।
 
दोष न दें
कई बार बच्चे की कुछ आदतें पेरेंट्स को अच्छी नहीं लगती हैं। लेकिन उस दौरान बच्चे को भला-बुरा बोलने से बचना चाहिए। बच्चे पर छोटी-छोटी बातों का दोष डालने से बचें। अच्छे पेरेंट्स की यह निशानी होती है कि आप कितना भी नाराज क्यों न हों। लेकिन बच्चे के सामने यह बात जाहिर न हो सके।
 
न करें तुलना
हर बच्चे की अपनी खासियत होती है। ऐसे में कभी भी अपने बच्चे की तुलना दूसरे बच्चे से नहीं करनी चाहिए। भले ही आपका बच्चा किसी एक काम में दूसरे बच्चे से अच्छा न हो। लेकिन कोई एक्टिविटी ऐसी जरूर होगी। जिसमें आपका बच्चा बेस्ट होगा। बच्चे को उसकी इस खासियत के बारे बताने के साथ ही प्रोत्साहित करें।

हर इच्छा न करें पूरी
कई बार बच्चे की मांग से पहले पेरेंट्स उन्हें कई चीजें लाकर देते हैं। ऐसे में इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि आपकी यह आदतें कहीं बच्चे पर गलत प्रभाव तो नहीं डाल रही हैं। ऐसे में हर बार बच्चे की जिद या मांग पूरी करनी जरूरी नहीं है। इसलिए अगली बार जब भी बच्चे के लिए कुछ लेकर आएं तो ख्याल रखें कि यह उसकी जरूरत का सामान हो।

गैजेट्स न दें
आजकल मोबाइल-इंटरनेट के जमाने में अधिकतर बच्चे स्मार्टफोन और गैजेट्स के साथ ज्यादा समय बिताने लगे हैं। क्योंकि मोबाइल और टीवी आदि का बच्चे की मेंटल हेल्थ के साथ उनकी आंखों पर भी असर पड़ता है। इसलिए बच्चे को गैजेट्स के साथ खेलने की जगह बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करें।