बच्चे की गंदी आदत से परेशान हैं तो इन टिप्स से मिलेगी मदद
By Ek Baat Bata | Jun 22, 2021
बच्चों को अच्छी आदतें सिखाना और उनकी अच्छी परवरिश करना हर पेरेंट की जिम्मेदारी होती है। हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा अच्छी आदतें सीखे। लेकिन कई बार बच्चे दूसरों को देखकर कुछ बुरी आदतें सीख जाते हैं। कई बार बच्चों के बुरे व्यवहार और गंदी आदतों की वजह से उनके माता-पिता को सबके सामने शर्मिंदा होना पड़ता है। कई बार पैरेंट्स के समझाने के बाद भी बच्चे पर कोई असर नहीं होता है। ऐसे में मां-बाप अक्सर उन्हें डांटते मारते हैं या सजा देते हैं। लेकिन इससे उनके दिमाग पर बुरा असर हो सकता है। पैरेंट्स को समझ नहीं आता है कि अपने बच्चे की बुरी आदतों को कैसे छुड़ाएं। अगर आप भी ऐसी परिस्थिति से परेशान हैं तो आज का लेख जरूर पढ़ें। आज के इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चे की गंदी आदतें छुड़ाने में मदद मिलेगी -
- अगर बच्चा सही बर्ताव नहीं करता है या उसे बुरी आदतें लग गई है तो सबसे पहले आपको यह जानने की कोशिश करनी चाहिए कि वह ऐसा क्यों कर रहा है। बच्चे से बात करें और यह समझने की कोशिश करें उसके ऐसे व्यवहार के पीछे क्या कारण है? कई बार बच्चे स्कूल में या अपने दोस्तों को देखकर बुरी आदतें सीखते हैं। अगर ऐसा है तो बच्चे को ऐसे माहौल से दूर करने के उपाय ढूंढें।
- बच्चे को सही और गलत का फर्क समझाना पेरेंट्स की जिम्मेदारी होती है। अपने बच्चे को समझाएं कि वह जो कर रहा है वह सही नहीं है। अगर आपके बार-बार समझाने से भी बच्चे पर कोई असर नहीं पड़ता है तो उसे बाल मनोचिकित्सक के पास ले जाएं।
- अपने बच्चे को बुरी आदतें छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करें। उसे प्यार से समझाएं और उसे प्रोत्साहित करते रहें, जिससे वह अपनी बुरी आदतों को छोड़ दे। जब बच्चा अपनी बुरी आदत छोड़ दे तो उसे शाबाशी भी दें और उसकी तारीफ करें। ऐसा करने से उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह अच्छी आदतें सीखने के लिए प्रोत्साहित होगा।
- बच्चे की बुरी आदतें छुड़ाने के लिए अक्सर पेरेंट्स उसे डांटते मारते हैं या सजा देते हैं। लेकिन ऐसा करना ठीक नहीं है। सजा देने से बच्चे के दिमाग पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए पेरेंट्स को चाहिए कि वह अपने बच्चे को प्यार से समझाएं।
- अक्सर पेरेंट्स यह भूल जाते हैं कि जिस तरह आपके बच्चे ने बुरी आदत एक दिन में नहीं सीखी है ठीक उसी तरह वह उसे एक ही दिन में नहीं छोड़ सकता है। बच्चे को बदलने का समय दें। इस दौरान पेरेंट्स को धैर्य रखना चाहिए जिससे बच्चा किसी तरह का दबाव न महसूस करें।