Parenting Tips: तुनकमिजाज बच्चे को ऐसे बनाएं खुशमिजाज, अमेजिंग हैं ये पेरेंटिंग टिप्स

By Ek Baat Bata | Sep 07, 2023

छोटे बच्चे दिल के काफी ज्यादा साफ होते हैं। लेकिन बचपन में बच्चों का स्वभाव एक-दूसरे से काफी ज्यादा अलग होता है। जहां कुछ बच्चे चंचल और नटखट किस्म के होते हैं, तो वहीं कुछ बच्चों का स्वभाव थोड़ा गुस्सैल स्वभाव को होता है। ऐसे में अगर आपका बच्चा भी गुस्सैल और तुनकमिजाज स्वभाव का है, तो हर माता-पिता को नीचे बताए इन 4 पेरेंटिंग टिप्स को जरूर फॉलो करना चाहिए। इन टिप्स को फॉलो करने से कुछ ही दिनों में आपका बच्चा खुशमिजाज बन जाएगा।

बता दें कि तुनकमिजाज बच्चे अक्सर छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाते हैं और मुंह फुला लेते हैं। ऐसे में पेरेंट्स के लिए बच्चों का गुस्सैल स्वभाव परेशानी का सबब बन जाता है। तो अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो हम आपको तुनकमिजाज बच्चे से डील करने के लिए तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनकी मदद से आप अपने बच्चे को खुशमिजाज बना सकते हैं।

जरूर सिखाएं इमोशन कंट्रोल करना
तुनकमिजाज और गुस्सैल स्वभाव वाले बच्चों का अपनी फीलिंग्स पर कंट्रोल नहीं रहता है। इस नेचर के बच्चे पल में गुस्सा और पल में खुश होते हैं। ऐसे में पेरेंट्स  को अपने बच्चे को इमोशन कंट्रोल में रखने की सीख देनी चाहिए। वहीं पेरेंट्स को भी स्ट्रेस के दौरान बच्चे के सामने खुद को खुश दिखाने का प्रयास करना चाहिए। पेरेंट्स को देखकर बच्चा भी खुश रहने लगेंगे।

जरूरी है मेंटल सेफ्टी
हालांकि पेरेंट्स अपने बच्चे को सेफ रखने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। लेकिन अधिकतर पेरेंट्स अपने बच्चे की मेंटल और इमोशनल सेफ्टी को नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चे के साथ फ्रेंडली व्यवहार करना चाहिए। जिससे कि बच्चा बिना किसी हिचकिचाहट और डर के आपसे अपने दिल की बात कह पाएगा। इस तरह से आपका बच्चा आपके अपने दिल की बात आसानी से कर लेगा और वह खुश महसूस करेंगे।

सपोर्ट देना है जरूरी
कई पेरेंट्स बच्चों द्वारा गलती किए जाने पर उन्हें डांटने या मारने लगते हैं। ऐसे में बच्चे रूड और जिद्दी हो जाते हैं। जब बच्चा गलती करता है, तो पेरेंट्स को उनपर गुस्सा नहीं करना चाहिए। बल्कि ऐसी परिस्थिति में बच्चों को प्यार से समझाना चाहिए। बच्चे को उसकी गलती का एहसास करवाना चाहिए। इस तरह से बच्चा गुस्सैल नहीं बनेगा।

बच्चों को समझें
 बच्चों को बेहतर परवरिश देने के लिए ज्यादातर लोगदूसरों की राय लेते हैं। ऐसे में पेरेंट्स अपने बच्चों की जरूरतों को नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए पेरेंट्स को चाहिए कि दूसरों की सलाह पर चलने की बजाय अपने बच्चे को समझने का प्रयास करें। वहीं बच्चे की जरूरत का खास ख्याल रखें। आपके इस व्यवहार से बच्चा खुशमिजाज और हंसता रहेगा।