Parenting Tips: पेरेंट्स और बच्चों के बीच दरार डाल सकता है मोबाइल, इन आदतों में आज ही करें सुधार

By Ek Baat Bata | Dec 01, 2023

आजकल के पेरेंट्स के लिए बच्चों को संभालना और अच्छी परवरिश देना काफी चुनौतीपूर्ण बन गया है। हांलाकि हर पेरेंट्स अपना बेस्ट देते हैं, अच्छी शिक्षा, महंगे कपड़े और महंगे तोहफे लाकर देते हैं। पैसे के बल पर पेरेंट्स अपने बच्चों को तमाम तरह की सुविधाएं देते हैं। लेकिन कई बार पेरेंट्स पैसे कमाने की होड़ में वह बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं।
 
वहीं बिजी शेड्यूल होने की वजह से भी बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं। वहीं इन आदतों में एक आदत जो सबसे कॉमन है, वह है लगातार फोन का इस्तेमाल करना है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से फोन का इस्तेमाल आपको बच्चे से दूर कर सकता है। 

ऐसे बढ़ाता है दूरी
ज्यादातर समय हम सभी फोन पर बिताते हैं। लेकिन हमें मोबाइल का इस्तेमाल तभी करना चाहिए, जब इसकी जरूरत हो। क्योंकि जब बच्चे आपके साथ समय बिताते हैं, या आपका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करते हैं, तो अधिकतर पेरेंट्स बच्चे पर चिल्ला देते हैं। ऐसे में जब आप बच्चे पर चिल्लाते हैं, तो वह डर जाते हैं और दोबारा आपके पास आने से कतराते हैं। आपके इस बिहेवियर से बच्चे गुमसुम हो सकते हैं या फिर अन्य गलत कार्यों में लिप्त हो सकते हैं। साथ ही वह आपसे कोई बात शेयर करने से डरेंगे। 

बच्चों को मोबाइल की लत
इसके अलावा कुछ पेरेंट्स बच्चों को मोबाइल इस्तेमाल करने के लिए देते हैं। ताकि पेरेंट्स अपना काम आसानी से कर सकें और बच्चे भी व्यस्त रह सकें। लेकिन यह एक गंभीर समस्या है। इस तरह से बच्चे मोबाइल एडिक्ट हो जाते हैं। क्योंकि बच्चों को वीडियो गेम्स, यूट्यूब, मोबाइल, सोशल मीडिया आदि की लत लग जाती है।
 
ऐसे में हम बच्चों के मोबाइल देखने की सीमा भी तय नहीं करते हैं। जिसका भुगतान हमें भविष्य में तय करना पड़ता है। मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से आपका बच्चा कई तरह के मानसिक और शारीरिक समस्या से पीड़ित हो सकता है और वह पेरेंट्स से भी दूर होता जाता है।

कैसे कम करें मोबाइल का असर
मोबाइल के बिना आजकल का जीवन काफी कठिन है। इसलिए हम न चाहते हुए भी मोबाइल उठा लेते हैं। लेकिन आपको मोबाइल का इस्तेमाल करने के मामले में संतुलन बनाने की जरूरत होती है। 
दिन भर में 1 घंटा बच्चों के साथ जरूर बिताएं।
बच्चों से बातें करें, उनके अनुभवों को सुनें और उन्हें अपने अनुभवों के बारे में बताएं।
आप चाहें तो बच्चे के साथ किसी एक्टिविटी में हिस्सा ले सकते हैं।
बच्चे के साथ पार्क या फिर अन्य स्थान पर समय बिताएं।
सोने से पहले बच्चे को एफरमेशन बोलने की आदत डालें।
बच्चे के सामने कम से कम मोबाइल का इस्तेमाल करें।