Parenting Tips: बच्चे को भावनात्मक तरीके से बनाना है मजबूत तो हर पेरेंट्स को अपनानी चाहिएं ये आदतें

By Ek Baat Bata | May 30, 2023

माता-पिता अपने बच्चों को सबसे ज्यादा मतबूत बनाते हैं। बच्चे के अच्छे विकास से लेकर उसकी परवरिश में सुधार करना हर माता-पिता का फर्ज होता है। हर माता-पिता की यही इच्छा होती है कि उनका बच्चा जीवन में बहुत तरक्की हासिल करें। बच्चे को मजबूत बनाने के लिए कई बार पेरेंट्स उनके साथ सख्ती से पेश आते हैं। लेकिन हर बार बच्चों के साथ सख्ती से पेश आना बच्चे पर अच्छा प्रभाव नहीं डालता है। ऐसे में अगर आप भी बच्चे को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाना चाहते हैं और बच्चे के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करना चाहते हैं तो इन टिप्स को आपना सकते हैं। 

बच्चे की करें तारीफ
अगर आपका बच्चा कोई अच्छा व सराहनीय कार्य करता है, तो उसकी तारीफ करना न भूलें। ऐसा करने से बच्चे अच्छा कार्य करने के लिए प्रेरित होते हैं। उनको और मेहनत करने की प्रेरणा मिलती है और उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। हालांकि बच्चों का स्वभाव काफी चंचल होता है। लेकिन आपके द्वारा की गई थोड़ी सी तारीफ उनका मनोबल बढ़ाने का काम करती है।

बच्चों की भावनाओं को न करें नजरअंदाज
कई बार जब बच्चे अपने माता-पिता से कोई बात कहते हैं। तो अधिकतर पेरेंट्स उनकी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं। यदि आप भी ऐसा करते हैं तो आपको अपनी इस आदत से बचना चाहिए। बच्चे की बातों को ध्यान से सुनने के साथ ही उनकी भावनाओं को समझने का प्रयास करें। आपके द्वारा उठाया गया छोटा सा कदम बच्चे के आत्मविश्वास को कई गुना बढ़ा सकता है और बच्चे को सफलता की ओर ले जा सकता है। इसलिए बच्चे के हर इमोशंस को अच्छे से समझने का प्रयास करना चाहिए।

बच्चों को साथ लेकर जाएं
बता दें कि बच्चे को अपने साथ रखने का प्रयास करना चाहिए। यह उन्हें भावनात्मक रूप से जोड़ने का एक छोटा सा प्रयास होगा। इसके साथ ही बच्चे के अच्छे व गलत काम पर नजर जरूर रखें। ऐसा करने से आपको भी अंदाजा होगा कि बच्चा क्या सही और क्या गलत कर रहा है। पूरे दिन में बच्चे के साथ थोड़ा समय जरूर बिताएं। इससे आप दोनों का रिश्ता भावनात्मक रूप से मजबूत होगा। 

समझाएं दोस्ती का मतलब
पेरेंट्स और बच्चे के बीच दोस्ती का रिश्ता काफी अहम भूमिका निभाती है। इससे बच्चा आपके भावनात्मक रूप से जुड़ता है। सामाजिक कौशल और सामाजिक संबंधों पर भी बच्चे का जीवन निर्भर करता है। वह किस तरह से लोगों का सहयोग प्राप्त करता है और कैसे आगे टीम वर्क करेगा। यह सारी चीजें एक बच्चा अपने माता-पिता से ही सीखता है।