अगर आप भी अपने बच्चे को बचपन से डिसिप्लिन का पाठ पढ़ाना चाहते हैं तो उनकी आदतों पर शुरूआत से ध्यान देना चाहिए। क्योंकि बच्चों की शैतानी की कोई लिमिट नहीं होती है। ऐसे में उनको डिसिप्लिन सिखा पाना थोड़ा मुश्किल काम होता है। लेकिन आप उनको प्यार से कई चीजों के बारे में बता व सिखा सकते हैं। ऐसे में अगर आप भी अपने बच्चे को डिसिप्लिन सिखाना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है। हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं। जिनकी मदद से आप उनको डिसिप्लिन सिखा सकते हैं।
जब भी बच्चा किसी के साथ अच्छे से बात व व्यवहार करता है, तो उसकी तारीफ करना न भूलें। इससे आपका बच्चा अच्छी चीजों को सीखकर हमेशा के लिए अपनीं आदतों में शुमार करेगा। साथ ही बच्चे के आत्मसम्मान में सुधार आएगा। कुछ अच्छा करने पर आप उसे खिलौना, टॉफी व चॉकलेट आदि भी खरीदकर देने के बजाय अपने शब्दों से खुश करें।
ऐसे सेट करें रूटीन
कामों और जिम्मेदारियों का ट्रैक रखने के लिए आप बच्चे का रोजाना का एक रूटीन सेट करें। इससे बच्चा संतुलन और उम्मीदों के बीच बनाए रखने में मदद मिलेगी। इससे बच्चे को भी आसानी से समझ आएगा कि आपको उनके क्या उम्मीद है। वहीं आपको भी पता चल जाएगा कि बच्चे की उम्र के हिसाब से उनसे क्या उम्मीद रखनी चाहिए।
बुरे व्यवहार को करें इग्नोर
अगर आप अपने बच्चे के बुरे व्यवहार को इग्नोर कर देते हैं, तो उसके द्वारा ऐसा व्यवहार करने के चांसेज कम होते हैं। लेकिन जब आप बच्चे के गलत व्यवहार को अंटेशन देना शुरू कर देते हैं, तो बच्चे को लगता है कि आप उससे खुश हैं और वह इस तरह से आपका अटेंशन पा सकता है। इसलिए जब भी बच्चा किसी बात की जिद करे, रोए या चिल्लाए तो उसे इग्नोर करना चाहिए।
ध्यान भटकाएं
अगर आपका भी बच्चा 1-3 साल का है और आप उसे डिसिप्लिन सिखाना चाहते हैं तो ध्यान भटकाना सबसे अच्छा तरीका है। ऐसे में जब भी आपका बच्चा किसी चीज की जिद करे या वह आपकी बात न मानने को रे़डी हो तो उसके ध्यान को भटकाने की कोशिश करनी चाहिए। इस दौरान आप किसी खिलौने आदि की भी मदद से सकते हैं।
गलत-सही में बताएं अंतर
बच्चे को सही और गलत में अंतर बताना बेहद जरूरी होता है। इससे उसे समझ आएगा कि क्या सही है और क्या गलत। साथ ही उसे सही और गलत काम के परिणामों के बारे में भी जरूर बताएं। इसके लिए आप यह आसान सी ट्रिक अपना सकते हैं। जब आपका बच्चा कुछ गलत करे तो उसके काम की लिस्ट में एक काम और बढ़ा दें। वहीं जब वह कोई काम अच्छा करे तो एक काम कर दें। इससे बच्चे को भी आसानी से समझ आएगा कि क्या सही है और क्या गलता