Parenting Tips: आपका भी बच्चा बन गया है जिद्दी और गुस्सैल तो इन टिप्स की मदद से लाएं सुधार

By Ek Baat Bata | Jun 06, 2023

बच्चों से सभी प्यार करते हैं। जब बच्चा ज्यादा छोटा होता है तो न सिर्फ माता-पिता बल्कि परिवार का हर सदस्य उन्हें प्यार देता है और उनका ख्याल रखता है। हालांकि हद से ज्यादा प्यार मिलने और जरूरतों का ध्यान रखने पर कई बार बच्चे बिगड़ जाते हैं। या ये भी कह सकते हैं कि अधिक पैंपर करना या सिर चढ़ाने जैसा भी होता है। खासकर इकलौते बच्चे के बिगड़ने की संभावना ज्यादा होती है। क्योंकि इकलौते बच्चे की हर फरमाइश को माता-पिता आसानी से पूरी कर देते हैं। ऐसा करने से उनके बिगड़ने के चांसेज ज्यादा होते हैं। 

बच्चे के स्वभाव पर अभिभावक और परिवार के सदस्यों के व्यवहार का असर पड़ता है। अधिक प्यार-दुलार मिलने से बच्चा बिगड़ने लगता है। कई बार बच्चे जिद्दी व गुस्सैल बन जाते हैं। हालांकि बच्चों की उम्र का भी तकाजा हो सकता है वह अधिक जिद करने लगते हैं। लेकिन अगर आपका भी बच्चा हर बात पर अड़ियल व जिद्दी रवैया अपनाने लगा है तो पेरेंट्स को सतर्क हो जाना चाहिए। क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ ही उनको यह व्यवहार बड़ी परेशानी में डाल सकता है। ऐसे में अगर आपका भी बच्चा ज्यादा जिद करता है तो उसके बर्ताव को सुधारने के लिए आप इन टिप्स को अपना सकते हैं।

बच्चे से न करें बहस
बता दें कि जिद्दी बच्चों की इच्छाशक्ति बहुत मजबूत होती है। वहीं जब उनकी किसी जिद को पूरा नहीं किया जाता तो वह बहस करने लगते हैं। ऐसे में अगर पेरेंट्स उनकी बहस और जिद का जवाब देने लगते हैं तो बच्चा अधिक जिद कर सकता है। वहीं जिद पूरी न होने पर वह आपकी बातों को दरकिनार कर सकता है। ऐसे में बच्चे के साथ बहस करने की जगह उनकी बातों को ध्यान से धैर्यपूर्वक सुनें। क्योंकि आपका धैर्य उनकी जिद और गुस्से को कम कर सकता है।

न दें प्रतिक्रिया
आपका बच्चा जब कोई अच्छा काम करें या अच्छा बर्ताव करे तो उसकी तारीफ करना न भूलें। लेकिन जब वह कोई गलत बात या जिद करें तो उस पर प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए। आपका डांटना या चिल्लाना उनके लिए सजा की तरह काम कर सकती है। ऐसी स्थिति में उनके साथ जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए। बल्कि जब बच्चा किसी चीज के लिए जिद करे तो उसपर कोई प्रतिक्रिया न दें। जब बच्चे का गुस्सा शांत हो जाए तो उन्हें आराम से गलव व सही के बारे में बताएं।

ऑप्शन दें
कभी भी बच्चे को ऑर्डर नहीं देना चाहिए। बल्कि उन्हें विकल्प देना चाहिए। क्योंकि जब बच्चा छोटा होता है और उससे कुछ करने के लिए कहा जाता है तो वह कई सारे सवाल-जवाब करते हैं। ऐसे में बच्चे वह काम जरूर करते हैं जो उन्हें करने के लिए मना किया जाता है। ऐसी स्थिति में उनको ऑप्शन देना चाहिए। उदाहरण के तौर पर यदि बच्चा किसी चीज के लिए जिद कर रहा है तो उस चीज के एवज में कोई अन्य आप्शन रखें। जिससे वह अपनी जिद भूल जाएगा।

नियम बनाएं
हर पेरेंट्स अपने बच्चे से बहुत प्यार करता है। लेकिन बच्चों के बेहतर व्यवहार के लिए कुछ नियम कायदे जरूर बनाए जाने चाहिए। इस दौरान आप उनको नियम तोड़ने पर होने वाले नुकसान के बारे में बताएं। नियम तय किए जाने से बच्चा अनुशासन में रहेगा और जिद करना कम कर देगा। लेकिन नियम-कायदे ज्यादा कठोर नहीं बनाएं।