साड़ी एक ऐसा आउटफिट है, जिसको रोजमर्रा में पहनने के अलावा पार्टी-फंक्शन आदि में भी पहना जाता है। हर राज्य, शहर, गांव और कस्बे की महिलाएं साड़ी पहने नजर आती हैं। बस साड़ी को पहनने का स्टाइल अलग होता है। लेकिन सोशल मीडिया का क्रेज बढ़ने के बाद साड़ी नए-नए अंदाज में ड्रेप होने लगी है। बता दें कि भारत में 108 से ज्यादा तरीकों से साड़ी पहनी जाती है। इस मॉर्डन जमाने में साड़ी से ब्लाउज लगभग गायब हो चुका है।
एक समय था, जब ब्लाउज के बिना साड़ी अधूरी मानी जाती थी। आज के समय में बॉलीवुड की अधिकतर अभिनेत्रियां साड़ी तो पहनती हैं, लेकिन ब्लाउज उनकी स्टाइलिंग का पार्ट नहीं होता है। कियारा अडवाणी, आलिया भट्ट, दीपिका पादुकोण और कटरीना कैफ जैसी अभिनेत्रियों ने साड़ी के साथ ब्रालेट पहनने का ट्रेंड शुरू किया है। यही वजह के अब मॉडर्न ब्राइड को लहंगे के साथ लंबी स्लीव्स और नाभि तक की लंबाई वाले ब्लाउज नहीं भाते हैं। बल्कि किसी भी पार्टी-फंक्शन या एनिवर्सरी आदि हर ओकेजन पर महिलाएं साड़ी के साथ ब्रालेट पहनने लगी हैं।
ब्रा और ब्रालेट में न हों कंफ्यूज
कई महिलाएं ब्रा और ब्रालेट में कंफ्यूज हो जाती है। लेकिन ब्रालेट मल्टीपर्पज है जिसको आप कई ड्रेस के साथ कैरी कर सकती हैं। ब्रालेट को क्रॉप टॉप की कैटेगिरी में रखा जाता है। जबकि ब्रेस्ट को सपोर्ट देने के लिए ब्रा बनाई जाती है। इसके कप साइज अलग-अलग होते हैं।
वहीं ब्रालेट लाइट फैब्रिक में बनाई जाती है। इसमें लाइट पैड का इस्तेमाल किया जाता है। यह कई डिजाइन और पैटर्न में होने के साथ फ्लेक्सिबल साइज में होती हैं। इसमें आपको स्मॉल, मीडियम, लार्ज, एक्स्ट्रा लार्ज और XXXL साइज मिल जाएगा। क्योंकि ब्रालेट का फैब्रिक हल्का होता है, इसलिए आप गर्मियों में साड़ी के साथ इसको आराम से कैरी कर सकती हैं।
स्लिम लुक देगी लेस ब्रालेट
साड़ी के साथ ब्रालेट कमाल की दिखती है। लेस ब्रालेट सुपर कंफर्टेबल होने के साथ स्किन फ्रेंडली भी होती है। इसके हुक को आप साइज के हिसाब से एडजस्ट कर सकती हैं। इस ब्रालेट में ब्रेस्ट पूरी तरह से कवर रहते है और यदि आप ब्लाउज की जगह इसको कैरी करती हैं, तो आपकी बॉडी स्लिम लुक देती है।
पॉलीकॉटन ब्रालेट
पॉलीकॉटन ब्रालेट का लेआउट भी ब्लाउज की तरह ही होता है। इसको आप लहंगे या फिर शिफान की साड़ी के साथ कैरी करती है, तो यह आपको ग्लैमरस लुक देने का काम करता है। कॉटन फैब्रिक होने के कारण पसीना नहीं आता है और स्किन संबंधी समस्या भी नहीं होती है।
इसके साथ ही फुल कवरेज ब्रालेट हैवी ब्रेस्ट वाली महिलाओं के लिए परफेक्ट स्टाइल स्टेटमेंट का काम करती हैं।
पाएंगी सेलेब्स जैसा लुक
ज्यादातर ब़ॉलीवुड एक्ट्रेस स्ट्रैपलैस ब्रालेट पहनना पसंद करती हैं। इन ब्रालेट में स्ट्रैप्स नहीं होते हैं और यह ट्यूबटॉप की तरह लगता है। आप बोल्ड लुक पाने के लिए शिमरी या हैवी वर्क साड़ी के साथ इस तरह की ब्रालेट कैरी कर सकती हैं। कॉकटेल पार्टी में साड़ी के साथ इसको पहनने से आपको बोल्ड और ग्लैमरस लुक मिलेगा।
फिल्म पठान के 'बेशरम रंग' गाने में एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने स्ट्रैपलेस ब्रालेट पहनी थी। जिसके बाद इसकी पॉपुलैरिटी काफी ज्यादा बढ़ गई है। मिडियम ब्रेस्ट साइज पर यह ब्रालेट सबसे ज्यादा अच्छी लगती है।
छोटे कंधे वाली महिलाएं कैरी करें ये ब्रालेट
लहंगे के साथ-साथ रफल साड़ी पर प्लीटेड ब्रालेट काफी अच्छी लगती है। आपको बता दें कि स्कायर नेक की प्लीटिड ब्रालेट कंधों को ब्रॉड लुक देती है।
इसके अलावा आपको हॉल्टर प्लीटिड ब्रालेट से भी यह लुक मिलेगा। जिन महिलाओं के कंधे छोटे हैं, वह इस ब्रालेट को पहनकर अपने लुक में बदलाव कर सकती हैं।
जिन महिलाओं की छोटी हाइट है और बस्ट लाइन हैवी नहीं होती है, वह वी नेक, डीप नेक या फिर स्कूप नेक का जॉ ड्रॉपिंग ब्रालेट पहन सकती हैं। इससे आपकी हाइट लंबी लगेगी।
लॉन्ग लाइन ब्रालेट ब्लाउज के लेंथ तक होते हैं। वहीं इसको कैरी करने से स्किन भी ज्यादा नहीं दिखती है।
हैवी ब्रेस्ट पर भी सूट करती हैं ब्रालेट
यह एक मिथक है कि ब्रालेट सिर्फ कम ब्रेस्ट लाइन पर ही अच्छी लगती है, या सूट करती है। जबकि ऐसा मानना बिलकुल गलत है। ब्रालेट हैवी ब्रेस्ट पर भी काफी जचता है। हालांकि हैवी ब्रेस्ट वाली महिलाओं को ब्रालेट की डिजाइनिंग और सिलेक्शन काफी सोच-समझकर करना चाहिए।
हैवी ब्रेस्ट वाली महिलाओं जैसे ट्राइंगल, लेसबैक, रेसरबैक, ब्लंज स्कूप, स्कूप, लॉगेविटी, लॉन्गलाइन कैमी ब्रालेट कैरी कर सकती हैं। इससे उनके ब्रेस्ट का हिस्सा अच्छे से कवर हो जाता है और वह बिना किसी संकोच के स्टाइलिश लुक पा सकती हैं।
भारत में नहीं था ये रिवाज
आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में साड़ी के साथ ब्लाउज पहनने का रिवाज नहीं था। बल्कि साड़ी के साथ ब्लाउज पहनने का चलन ब्रिटिश राज में शुरू हुआ। इससे पहले यहां पर ब्लाउज के बिना साड़ी पहनी जाती थी। बता दें कि विक्टोरिया युग में बिना ब्लाउज की ड्रेस को पहनना खराब माना जाता है। जब भारत में ब्रिटिश शासन आया, तो साड़ी के साथ ब्लाउज पहनने का रिवाज शुरू कराया गया। ऐसा होने के बाद ब्रिटेन से अच्छी खासी संख्या में ब्लाउज इंपोर्ट होने लगे।
ब्लाउज के चलन के पीछे एक और कहानी है। दरअसल, बंगाल के मशहूर कवि रविंद्रनाथ टैगोर के भाई सत्येंद्रनाथ टैगोर की धर्मपत्नी जनंदानंदनी देबी को एक बार ब्रिटिश क्लब में एंट्री इसलिए नहीं मिली, क्योंकि उन्होंने साड़ी से अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को कवर किया था। इस घटना के बाद जनंदानंदनी देबी ने ब्लाउज पहनना शुरू किया। ऐसे में भारत में ब्लाउज को पॉपुलर करने का श्रेय उनको जाता है।