Home Remedies: दादी-नानी के नुस्खे इन बीमारियों के लिए रामबाण इलाज, डॉक्टर भी इन्हें मानते हैं कारगर

By Ek Baat Bata | Jul 22, 2023

दादी-नानी के घरेलू नुस्खे न जाने कितनी पीढ़ियों से आजमाए जा रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि दादी के नुस्खे काफी ज्यादा प्रभावित होते हैं। लंबे समय से हम सब इन सारे उपायों को आजमा रहे हैं और इनके लाभ भी उठा रहे हैं। आज भी लोग छोटी-मोटी बीमारियों में दादी-नानी के नुस्खों को आजमाते हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ ऐसे नुस्खों के बारे में बताने जा रहे हैं। जो आपको इन समस्याओं से राहत दिला सकते हैं।

गले की खराश के लिए
गले की खराश की समस्या को कम करने में शहद को प्रभावी माना गया है। इसमें एंटीमाइक्रोबल गुण पाए जाते हैं, जो बैक्टीरिया को मारने और सूजन को कम करने में सहायक होता है। शहद का गाढ़ापन और चिपचिपापन गले को आराम देती है।

खांसी के लिए शहद
प्राकृतिक खांसी को कम करने के के लिए पारंपरिक रूप से शहद का उपयोग किया जाता है। कुछ रिपोर्ट की मानें तो शहद की मदद से बच्चों की खांसी को काफी हद तक किया जा सकता है। खासतौर पर सोने के समय शहद का उपचार प्रभावी को होता है। बोटुलिज़्म के खतरे के कारण एक साल से कम उम्र के बच्चों को शहद देने से परहेज करना चाहिए।

मितली के लिए अदरक का इस्तेमाल
लंबे समय से मतली के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में अदरक का इस्तेमाल किया जाता है। मोशन सिकनेस और मॉर्निंग सिकनेस के कारण होने वाली मितली को अदरक के सेवन से कम किया जा सकता है। 

सूजन के लिए हल्दी
 भारतीय और मध्य पूर्वी व्यंजनों में हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं कुछ रिपोर्टों के अनुसार, हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व मौजूद होता है, जो शरीर में सूजन को कम करने का काम करता है। आहार में हल्दी का सेवन कम मात्रा में किया जाता है। लेकिन अगर आप सूजन की समस्या से परेशान हैं। तो डॉक्टर से फौरन संपर्क करें।