Grandma Remedies: बदलते मौसम में स्वस्थ रहने के लिए अपनाएं दादी-नानी के नुस्खे, बार-बार नहीं पड़ेंगे बीमार

By Ek Baat Bata | Oct 06, 2023

बदलते मौसम में सबसे पहले गले और फेफड़ों में इंफेक्शन होने लगता है। वहीं बारिश आदि के मौसम में यह समस्या ज्यादा बढ़ने लगती है। सर्दी के मौसम में जुकाम, बुखार और इंफेक्शन फैलने लगता है। हमारे गले, लंग्स और सांस नली से यह सारी बीमारियां जुड़ी हैं। वहीं कोरोना महामारी के बार से हमारे गले, लंग्स और सांसनली को इंफेक्शन सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।
 
इसलिए आपको अपने इन तीन अंगों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपके साथ कुछ घरेलू दादी-नानी के नुस्खे शेयर करने जा रहे हैं। जिनको फॉलो कर आप अपनी सांसनली, फेफड़ों और गले को ठीक रख सकते हैं।

गर्म पानी पिएं
बता दें कि रोजाना सुबह उठकर गर्म पानी पीने की आदत आपकी सेहत के लिए काफी लाभकारी है। इससे गले में होने वाले बैक्टीरिया और फंगस खत्म हो जाती है। वहीं सुबह गर्म पानी पीने से मेटाबॉलिज्म तेज होने के साथ ही शरीर की चर्बी धीरे धीरे पिघलने लगती है। इस उपाय को करने से आप पूरी तरह से स्वस्थ रहेंगे।

भाप जरूर लें
अगर आपको गले में खराश लग रही है या किसी तरह की परेशानी होने पर भाप लेना चाहिए। इससे फेफड़ों में जमा बलगम बाहर आ जाता है। इसके साथ ही सर्दी में भाप लेने से खांसी की समस्या में भी आराम मिलेगा। वहीं आप चाहें तो भाप के पानी में अजवाइन भी डाल सकती हैं। इससे आपकी सांसनली और गला दोनों साफ हो जाएंगे। बता दें कि स्टीम स्किन के लिए भी काफी ज्यादा फायदेमंह होती है, इससे त्वचा के रोमछिद्र खुल जाते हैं। इसलिए सप्ताह में दो बार भाप लेने का प्रयास करें। 

लंबी सांस लेने का प्रयास करें
आपकी सेहत का संबंध आपकी सांस से है। ऐसे में आप जितनी गहरी सांस लेते हैं आपके शरीर में उतना ही ऑक्सीजन जाता है। भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन मिलने पर फेफड़ों और शरीर के बाकी सभी अंग स्वस्थ रहते हैं। ऐसे में आपको लंबी और गहरी सांस लेनी चाहिए। आप चाहें तो डेली रूटीन में योग को भी शामिल कर सकते हैं। रोजाना 15-20 मिनट खुली हवा में प्राणायाम करना आपके फेफड़ों के लिए लाभकारी है। 

एक्सरसाइज या घर के काम करें
बता दें कि शरीर आराम से नहीं बल्कि काम से स्वस्थ बनता है। इसलिए आपको रोजाना वर्कआउट करना चाहिए। आप चाहें तो वर्कआउट की जगह घर के काम आदि भी कर सकते हैं। क्योंकि पहले के समय में हमारे घरों में दादी-नानी एकदम स्वस्थ रहती थीं। इसका एक कारण था कि वह शारीरिक श्रम करती थीं। पहले कई किलोमीटर तक पैदल चलना होता था, खेतों में काम किया जाता था। जिससे उनका शरीर स्वस्थ और हष्ट-पुष्ट बना रहता था। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए आपका शारीरिक तौर पर एक्टिव होना बहुत जरूरी है।