Pregnancy Diet: प्रेग्नेंसी में शुरूआत के 3 महीने न करें इन चीजों का सेवन, बच्चे को हो सकता है खतरा

By Ek Baat Bata | Jun 15, 2023

हर महिला के लिए मां बनने का एहसास उसकी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा होता है। क्योंकि इस दौरान मां के गर्भ में नन्ही सी जान को महसूस करना अपने आप में सुखद अनुभव होता है। प्रेग्नेंसी के शुरूआती दिनों में हर महिला को अपना विशेष ध्यान रखना होता है। इस दौरान खाने-पीने पर भी विशेष ध्यान रखना पड़ता है। प्रेग्नेंसी के शुरूआती दिनों में बच्चे के विकास के साथ ही मां के शरीर में भी कई बदलाव होते हैं। महिला द्वारा खाने-पीने का सीधा असर पेट में पल रहे बच्चे पर पड़ता है। इसलिए प्रेग्नेंट महिलाओं को शुरूआत के तीन महीनों में इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

प्रेग्नेंसी के शुरूआती 3 महीनों न खाएं ये चीजें
कुछ महिलाओं को कॉफी और चाय पीना बहुत पसंद होता है। लेकिन प्रेग्नेंसी में महिलाओं को चाय-कॉफी का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसमें कैफीन ज्यादा होता है। जिसके कारण आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। जो न सिर्फ मां बल्कि बच्चे के लिए भी नुकसानदायक साबित हो सकता है। इससे आपकी स्लीपिंग साइकिल भी बिगड़ सकती है।

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को पपीता खाने से बचना चाहिए। पपीते में लैटेक्स और पपैन की मात्रा पाई जाती है। पपीते के सेवन से गर्भाशय में घुटन महसूस होने लगती है।

कुछ महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान फलों का सेवन करती हैं। लेकिन प्रेग्नेंसी के शुरूआती तीन महीनों में काले अंगूर के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि काले अंगूर में एसिड की मात्रा अधिक पाई जाती है। जो आपके गर्भ में पलने वाले बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है।

प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक मीठा खाने से बचना चाहिए। क्योंकि इससे आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। यह मां और गर्भ में पलने वाले बच्चे दोनों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

कुछ महिलाएं सीफूड खाने की काफी ज्यादा शौकीन होती हैं। ऐसे में प्रेग्नेंसी के शुरूआती दौर में सीफूड खाने से बचना चाहिए। क्योंकि इसमें मर्करी उच्च मात्रा में पाया जाता है। इसके सेवन से बच्चे का विकास धीमा हो सकता है। साथ ही यह बच्चे के दिमाग को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

प्रेग्नेंट महिला को शुरूआती दिनों में अनानास खाने से बचना चाहिए। क्योंकि अनानास में ब्रोमलिन एंजाइम की मात्रा मौजूद होती है। जो गर्भाशय ग्रीवा को नरम कर प्रसव पीड़ा को तेज कर सकते है।