हर महिला के लिए पहली प्रेग्नेंसी बहुत खास होती है। क्योंकि पहली प्रेग्नेंसी में उन्हों कई चीजें पता नहीं होती है, जिस कारण कई गलतियां भी हो सकती हैं। जिसकी वजह से मिसकैरेज का भी डर बना रहता है। इसीलिए पहली प्रेग्नेंसी में महिलाओं को अधिक जागरुक होने की जरूरत होती है। अगर आप भी पहली बार प्रेग्नेंट हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि पहली प्रेग्नेंसी के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
पहली तिमाही
जब आपको अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में पता चलता है, तो आप सबसे पहले गायनेकोलॉजिस्ट के पास जाएं। क्योंकि वह आपको फोलिक एसिड के सप्लीमेंट देंगे, जो भ्रूण के विकास में सहायक होते हैं। साथ ही भ्रूण को न्यूरल ट्यूब जैसी समस्याओं से बचाते हैं। इसके साथ ही इस दौरान आप जो भी खा रही हैं, वह कम-कम मात्रा में खाना चाहिए। क्योंकि इस समय मॉर्निंग सिकनेस ज्यादा रहती है। इसलिए थोड़ी-थोड़ी देर में कम मात्रा में खाएं।
पानी है जरूरी
प्रेग्नेंसी में डेढ़ से दो लीटर पानी पीना जरूरी होता है, यह मां और गर्भ में पलने वाले बच्चे दोनों की सेहत के लिए जरूरी होता है। आप चाहें तो फ्रूट जूस, दूध और छाछ भी ले सकती हैं। इससे आपको हाइड्रेटेड रहने में मदद मिलेगी।
दूसरी तिमाही
दूसरी तिमाही आते-आते आप बिना डॉक्टर से पूछे दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। प्रेग्नेंसी का यह समय काफी आरामदायक होता है, ऐसे में आप इस समय को इंजॉय करने के लिए बाहर घूमने जा सकती हैं। अगर आपको लो लाइंग प्लेसेंटा जैसी समस्या नहीं है, तो आप आराम से ट्रैवल कर सकती हैं।
वैक्सीन
दूसरी तिमाही में डॉक्टर आपको टिटनेस का वैक्सीन लगाते हैं। इसके एक या दो डोज लगते हैं। इसके अलावा इस दौरान आपकी कैल्शियम सप्लीमेंट की डोज भी बढ़ सकती है।
तीसरी तिमाही
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में अधिकतर महिलाओं को डिलीवरी और लेबर पेन की टेंशन सताने लगती है। इस दौरान बेबी बंप होने के कारण आप एक्ससाइज आदि भी नहीं कर सकती हैं। बता दें कि लेबर पेन से डील करने के लिए आप वॉक कर सकती हैं। यह इस समय के लिए सबसे अच्छी एक्सरसाइज है। इसलिए आप रोजाना 20-30 मिनट एक्सरसाइज में योग व ध्यान कर सकती हैं।