पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम यानि पीसीओएस महिलाओं में होने वाली एक आम हार्मोनल समस्या है। पीसीओएस से महिलाओं को अनेक तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, पर सबसे ज्यादा महिलाओं को गर्भवती होने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। अगर पीसीओएस से पीड़ित महिला प्रेग्नेंट हो भी जाए तो प्रेगनेंसी के दौरान काफी कॉम्पलीकेशन का सामना करना पड़ता है। लेकिन अपने पीसीओएस के लक्षणों को कण्ट्रोल करके महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं और एक स्वस्थ बच्चा पैदा कर सकती हैं।
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) क्या है और इसके लक्षण क्या है?
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक मेडिकल कंडीशन है। इस कंडीशन में ओवरीज में पुरुष हार्मोन (एण्ड्रोजन) के बढ़ने से ओवरीज में सिस्ट बनने की समस्या होने लगती है। ओवरीज में सिस्ट बनने की वजह से एक महिला के मासिक धर्म चक्र और प्रजनन क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। पीसीओएस के लक्षणों में अनियमित पीरियड्स, इनफर्टिलिटी, वजन का बढ़ना, चेहरे और शरीर पर बालों का बढ़ना आदि शामिल है।
पीसीओएस फर्टिलिटी को कैसे प्रभावित करता है?
अगर किसी महिला को पीसीओएस है तो उसे प्रेग्नेंट होने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। शरीर में एंड्रोजेन हार्मोन बढ़ने की वजह से महिलाओं में अनियमित पीरियड्स की समस्या होने लगती है और ओवुलेशन की प्रक्रिया सही ढंग से नहीं हो पाती है। बिना ओवुलेशन के गर्भधारण करना असंभव होता है।
पीसीओएस में गर्भवती होने के लिए क्या करें?
पीसीओएस होने के बाद भी महिला गर्भवती हो सकती है। इसके लिए महिला ओव्यूलेशन की प्रक्रिया का सही ढंग से होना बेहद जरुरी है। अपनी जीवनशैली में बदलाव करके महिला गर्भवती होने की संभावना को बढ़ा सकती हैं। जैसे-
1) पीसीओएस से पीड़ित महिला अगर मोटापे का शिकार है तो वजन कम करना बेहद जरूरी है। अगर वजन में 5 से 10 प्रतिशत की भी कमी कर ली जाए तो प्रजनन क्षमता में काफी बढ़ोतरी हो सकती है।
2) स्वस्थ और संतुलित आहार लें।
3) नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
4) धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन करने से बचें।
5) ओव्यूलेशन पीरियड पर ध्यान दें।
अगर आपके द्वारा किये गए इन बदलावों से कोई फायदा नहीं होता है तो आप डॉक्टर की सलाह ले। आपके गर्भवती होने के चांसेज को बढ़ाने के लिए डॉक्टर आपको कुछ दवाइयां लिख सकते हैं।