नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो गया है। नौ दिनों के इस पर्व में भक्त देवी माता की पूजा करते हैं और इस दौरान व्रत रखते हैं। इस व्रत में लोग फलाहार करते हैं। जिसमें आलू, दही, फल, सिंघाड़े या कुट्टू का आटा आदि से बने फलाहार को खाते हैं। लेकिन 9 दिन तक व्रत रहने के दौरान लोग एक ही तरह की डिश खाते-खाते बोर हो जाते हैं। ऐसे में इस नवरात्रि हर दिन एक खास फलाहारी व्यंजन बनाएं। मां दुर्गा को भोग लगाने के बाद खुद भी खाएं और घर में सब को खिलाएं। ताकि फलाहार को भी लोग स्वाद के साथ खा कर खुश हो जाएं। आमतौर पर उत्तर, पश्चिम और मध्य भारत में लोग नवरात्रि के पूरे नौ दिन व्रत करते हैं। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो सिर्फ पहले और अंतिम दिन उपवास करते हैं। उपवास के जरिए भक्त देवी के प्रति आभार प्रकट करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि देवी की कृपा सदैव उन पर बनी रहें। परंपरागत रूप से, शराब और मांसाहारी भोजन के सेवन को अशुभ और अपवित्र माना जाता है लेकिन इसके वैज्ञानिक तथ्य भी हैं। व्रत के दौरान लोग मांस, अनाज, शराब, प्याज और लहसुन भी नहीं खाते। आयुर्वेदिक नजरिए के अनुसार ये खाद्य पदार्थ नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित और अवशोषित करते हैं और बदलते मौसम में हमारे शरीर की प्रतिरक्षा इम्यूनिटी कम होने लगती है इसलिए ऐसी चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। आज हम आपको व्रत में खाने वाले रेसिपी बताने जा रहे है, वह बनाने में आसान भी होगी और स्वादिष्ट भी।
1. साबूदाना नमकीन
व्रत के लिये स्पेशल नमकीन बनती है ये तो आप सभी जानते हैं, ये नमकीन आप बाजार से खरीद सकते हैं, नवरात्रि चल रहें हैं इस समय बाजार में व्रत की नमकीन हर जगह मिल जाती है और यदि आप ये व्रत की नमकीन घर में बनाना चाहें तो घर में भी बड़ी आसानी से बना सकते हैं, घर में बनी नमकीन बाजार से स्वादिष्ट भी बनेगी। ये व्रत में खाई जाने वाली नमकीन कई प्रकार की बनाई जाती है। आप मूंगफली के दाने और बड़े साबूदाने से ये व्रत की नमकीन बना सकते हैं, इस नमकीन में आप मन पसन्द कोई भी सूखी मेवा हल्की सी भून कर मिला दीजिये, उससे और भी अधिक स्वादिष्ट बन जाती है। इस नमकीन को आप एक दिन बना लीजिये और पूरे 9 दिन के व्रत में खाइये या महिने तक रख कर खाइये ये आपको बहुत ही पसन्द आयेगी।
आवश्यक सामग्री
बड़ा साबुदाना - 200 ग्राम ( 1 कप)
मूंगफली के दाने - 200 ग्राम (1 कप)
बादाम - 20 - 25
रिफाइन्ड तेल या घी - तलने के लिये
नारियल - पतला कतरा हुआ (आधा कप)
सेंधा नमक - आधा छोटी चम्मच
काली मिर्च - 1/4 छोटी चम्मच
साबूदाना नमकीन बनाने की विधि
बड़े साबूदाने को किसी बर्तन में निकालिये, 2 छोटी चम्मच पानी डालिये और अच्छी तरह मिलाइये, 5-10 मिनिट के लिये रख दीजिये ताकि ये थोड़े से नम हो जाए। मूगफली के दाने साफ कर लीजिये। कढ़ाई में एक कप तेल डाल कर गरम कीजिये, तेल जब अच्छा गरम हो जाय तब गरम तेल में चमचा पूरा भर हुआ साबूदाना डालिये, आग बिलकुल धीमी कर दीजिये, साबूदाना फूलने दीजिये, बीच-बीच में कलछी से चला दीजिये, अगर साबूदाने फूल कर उचट रहे हों तो कढ़ाई के ऊपर थाली ढकी जा सकती है, पूरे साबूदाने फूलने के बाद, साबूदाने को अन्दर तक सिकने के बाद, इन्हैं प्लेट में निकाल लीजिये। साबूदाने को तोड़कर या खा कर देख लीजिये कि वह अन्दर तक भून गया है। बचे हुये साबूदाने इसी तरह फिर से डालिये और तल कर निकाल लीजिये। सारे साबूदाने इसी तरह तल कर तैयार कर लीजिये। अब आप मूंगफली के दाने तेल में डालिये और धीमी आग पर कलछी से चलाते हुए हल्के ब्राउन होने तक भून लीजिये ये बड़ी जल्दी 3-4 मिनिट में भून जाते हैं। बादाम भी तेल में डाल कर भून कर निकाल लीजिये और नारियल के टुकड़े भी हल्के से भून कर निकाल लीजिये। इन सभी भुनी हुई चीजों को मिलाइये, पिसा हुआ सेंधा नमक और पिसी हुई काली मिर्च भी डाल कर मिला दीजिये। तैयार हो गई आपके लिये व्रत की स्वादिष्ट नमकीन। ये नमकीन आप ठंडा होने पर व्रत में खाइये और बची हुई नमकीन कन्टेनर में भर कर रख लीजिये दूसरे दिन व्रत में या 2 महिने तक कभी भी खाइये।
2. सिघाड़े या कूटू के आटे की कचौड़ी
नवरारत्रि व्रत में खाने के लिये नये-नये व्यंजन हों तो खाने का मजा ही कुछ और है, यदि आप व्रत का खाना खाने के लिये किसी मेहमान को बुला रहे हों तो कुछ नये तरीके से बना लिया जाय तो अच्छा लगेगा। आइये आज हम जानते है सिघाड़े के आटे से कचौड़ियां कैसे बनाते है -
आवश्यक सामग्री
सिघाड़े (या कुटू) का आटा - 200 ग्राम या एक कप
आलू - 4 उबले हुये
हरी मिर्च - 1 (बारीक कतर लीजिये)
अदरक - एक इंच लम्बा टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ)
काली मिर्च - एक चौथाई छोटी चम्मच
अमचूर - एक चौथाई छोटी चम्मच (यदि आप चाहें)
सैदा नमक - एक छोटी चम्मच
तेल या घी - तलने के लिये
सिघाड़े या कूटू के आटे की कचौड़ी बनाने की विधि
सिघाड़े का आटा छानिये, थोड़ा सा नमक और दो छोटी चम्मच तेल डाल कर नरम गूथ लीजिये। आलू को छीलिये, बारीक तोड़िये, हरी मिर्च, अदरक, काली मिर्च, अमचूर पाउडर और आधा छोटी चम्मच सेंधा नमक डाल कर अच्छी तरह मिला लीजिये, कचौड़ी के अन्दर भरने के लिये पिठ्ठी तैयार है। कढ़ाई में तेल या घी डाल कर गरम कीजिये, आटे से थोड़ा सा आटा तोड़िये, गोल कीजिये, दबा कर हथेली पर उंगलियों के सहारे से बड़ा कर लीजिये। बीच में एक छोटी चम्मच आलू रखिये और चारों तरफ से पूरी को उठाकर आलू को बन्द कीजिये। आलू भरी लोई को हथेलियों से दबा दबा कर बड़ा कर लीजिये और गरम तेल में डालिये और गरम तेल में डालिये, 3-4 कचौड़ियां एक बार में डाल कर, पलट पलट कर ब्राउन होने तक तल कर निकाल लीजिये। फिर से और कचौड़ियां तैयार करके गरम तेल में डालकर इसी तरह तल कर निकालिये। सारी कचौड़ियां तल कर तैयार कर लीजिये। गरमा-गरम सिघाड़े के आटे की कचौड़ियां ताजे दही के साथ परोसिये और खाइये।
3. आलू का हलवा
आलू को आप व्रत में नमकीन आलू फ्राई बनाकर तो खाते ही है, आलू का हलवा भी बनाया जाता है, ये आलू का हलवा अधिकतर व्रत के समय बनाकर खाया जाता है, ये हलवा भी बहुत ही स्वादिष्ट बनता है और बड़ी जल्दी बन जाता है, बनाने में बड़ा आसान भी है। आइये आज हम जानते है कि आलू का हलवा कैसे बनायें -
आवश्यक सामग्री
आलू - 300 (4 या 5 मध्यम साइज केआलू)
चीनी - 100 ग्राम(आधा कप)
घी - 4 टेबल स्पून
दूध - एक कप
किशमिश - 1 टेबल स्पून (डंठल तोड़िये और धो लीजिये)
काजू - 1 टेबल स्पून ( काजू के 5-6 टुकड़ों में काट लीजिये)
इलाइची - 5-6 (छील कर कूट लीजिये)
बादाम - 6-7 (बारीक कतर लीजिये)
आलू का हलवा बनाने की विधि
आलू को धो कर, उबाल लीजिये, ठंडा कीजिये, छील कर तोड़ लीजिये। कढ़ाई में 2 चम्मच घी डालिये, गरम होने दीजिये। घी में आलू डाल कर कलछी से चलाते हुए धीमी आग पर 7-8 मिनिट तक कलछी से भुनिये। भुने हुए आलू में दूध और चीनी, किशमिश और काजू डाल दीजिये। इस समय आप हलवा को लगातार कलछी से चलाते रहें, 6-7 मिनट में आलू का हलवा बनकर तैयार हो जायेगा। आग बन्द कर दीजिये। आलू के हलवे में इलाइची पाउडर डाल कर मिला दीजिये। बचा हुआ घी भी डाल दीजिये, लीजिये आपका आलू का हलवा तैयार है। आलू के हलवा को प्याले में निकालिये। कतरे हुये बादाम ऊपर से डालकर सजाइये। गरमा-गरम आलू का हलवा परोसिये और खाइये। ठंडा होने पर भी यह हलवा बहुत अच्छा लगता है।