होली के त्योहार पर घर में गुझिया न बने ऐसा हो ही नहीं सकता। आखिर होली खेलने आए मेहमान भी तो इसी स्वीट डिश के खाने का वेट कर रहे होते हैं। गुझिया कई तरह से बनाई जाती है मावा भरी गुझिया और सूजी भरी गुजिया। मैदे से कुरकुरी बाहरी परत तैयार की जाती है और मावे के साथ ड्राई फ्रूट्स मिलाकर इसकी फीलिंग तैयार की जाती है। तो इस होली आप भी कुछ आसान से स्टेप को फोलो करके गुझिया बना सकते हैं।गुजिया बनाने के लिए सामग्री: मैदे से गुझिया की बाहरी परत तैयार की जाती है और इसमें खोए और ड्राई फ्रूट्स की फीलिंग तैयार करके भरी जाती है। इसके बाद गुझिया को तेल में डीप फ्राई किया जाता है। ठंडा होने के बाद गुझिया को एयरटाइट कंटेनर में बंद करके रखा जा सकता है और जब भी आपका मन मीठा खाने का हो तो आप इन्हें निकालकर खा सकते हैं।
गुजिया बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
मैदा - 2 कप (250 ग्राम)
घी - 1/4 कप (60 ग्राम)
मावा - 1/2 कप (125 ग्राम)
सूजी - 1/3 कप (60 ग्राम)
बूरा - 3/4 कप (150 ग्राम)
बादाम - 10 से 12 (बारीक कटे हुए)
काजू - 10 से 12 (बारीक कटे हुए)
सूखा नारियल - 1/3 कप (कद्दूकस किया हुआ)
किशमिश - 1 टेबल स्पून
इलायची - 6 से 7
काली मिर्च - 10 से 11 (दरदरी कुटी हुई)
जायफल - 1/2
घी - तलने के लिए
गुजिया बनाने की विधि
गुजिया बनाने के लिए मैदा से डोह बनाकर तैयार कर लीजिये। मैदा के बीच में थोड़ी सी जगह बनाकर इसमें 1/4 कप घी (मोयन) मिला दीजिये। मैदा में थोड़ा - थोड़ा गुनगुना पानी डालकर पूरी के आटे से थोड़ा सख्त गूँथकर तैयार कर लीजिये। इतना मैदा लगाने में 1/2 कप से भी थोड़ा कम पानी लगा है। गुंथे मैदा को ढककर 20 से 25 मिनट सेट होने के लिए रख दीजिये।
भरवन के लिए
पैन गरम कर लीजिये। इसमें 2 टेबल स्पून घी डाल दीजिये। घी पिघलने के बाद इसमें सूजी डाल दीजिये और इसे लगातार चलाते हुए गोल्डन ब्राउन होने तक मध्यम आंच पर भून लीजिये। गैस बंद कर दीजिए और सूजी को लगातार चलाते रहिए क्योंकि कढ़ाही अभी गरम होगी। एक प्याले में बूरा लीजिए। भुनी हुई सूजी को शुगर के ऊपर डाल दीजिये।
1. पैन में काजू और बादाम डालिए और इनको लगातार चलाते हुए 1- 2 मिनट तक भून लीजिये। इनको पैन से निकालकर सूजी और बूरा में डाल दीजिये। कद्दू कस किया हुआ सूखा नारियल पैन में डालकर इसे लगातार चलाते हुए आधा मिनट तक भून लीजिये। फिर उसी प्याले में डाल दीजिये।
2. मावा को तोड़कर पैन में डाल दीजिए। इसे लगातार चलाते हुए हल्का-सा कलर बदलने और अच्छी खुशबू आने तक मध्यम आंच पर भून लीजिये। भुने मावा और किशमिश को उसी प्याले में डाल दीजिये।
3. इलायची को छीलकर दरदरा पीसकर डाल दीजिये। काली मिर्च को भी दरदरा कूटकर और जायफल को कद्दूकस करके मिश्रण में डाल दीजिए। सारी चीजों को अच्छी तरह से मिला लीजिये। स्टफिंग तैयार है।
4. मैदा के सैट होने पर इसको थोड़ा सा मसल लीजिये। गुंथे मैदा को दो भागों में बांटकर इसे लंबाई में बढ़ा लीजिए। इससे छोटी-छोटी लोइयां तोड़कर तैयार कर लीजिये। इन्हें ढककर रखें ताकि ये सूखे ना। फिर एक लोई उठाइए और इसे मसलते हुए गोल कीजिए और पेड़े की तरह बना लीजिये। फिर इसे 3 - 4 इंच की व्यास में पतला बेल लीजिये। पूरी को किनारे से दबाते हुए ही बेलें। यह कही से मोटी और कही से पतली नही होनी चाहिए।
5. एक सांचा लीजिए और इसके ऊपर पूरी का निचला भाग ऊपर की ओर रखिये। इसमें 2 छोटी चम्मच स्टफिंग बीच में रखिए। पूरी के चारों ओर थोड़ा - सा पानी लगाइये और सांचे को चारों तरफ से अच्छी तरह दबाकर बंद कर दीजिये। सांचे के बाहर की साइड बचे अतिरिक्त मैदा को तोड़कर हटा दीजिये। सांचे को खोलिये और गुजिया को निकालकर एक प्लेट में रख लीजिये। जो अतिरिक्त आटा हटाया है, उसे एक अलग प्लेट में रख लीजिए इसे बाद में इकट्ठा करके गुजिया बनाने के ही उपयोग में लाया जा सकता है। इस तरह से सारी गुजिया बेलकर और भरकर तैयार कर लीजिये। इतने मैदा में 24 गुजिया बनकर तैयार हो जाती हैं।
तलने के लिए
कढ़ाही में घी गरम कर लीजिये। गुजिया तलने के लिए मध्यम गरम घी की आवश्यकता होती है। एक गुजिया घी में डालकर देख लीजिए, यह तली जा रही है, घी सही गरम है। आंच धीमी करके कढ़ाही में जितनी गुजिया आ जाएं उतनी तलने के लिए डाल दीजिये। जब यह नीचे की तरफ से थोड़ी - सी सिक जाये तब इसे पलट दीजिये। गुजिया को पलट - पलटकर कर गोल्डन ब्राउन होने तक धीमी और मीडियम तल लीजिये। तली हुई गुजिया को कलछी से उठाइए और कढ़ाही के किनारे पर थोड़ी देर रोकिए ताकि अतिरिक्त घी कढ़ाही में ही वापस चला जाए। इसके बाद, इनको निकालकर प्लेट में रख लीजिये। इसी तरीके से सारी गुजिया तलकर तैयार कर लीजिये। एक बार की गुजिया तलने में 8 से 10 मिनट लग जाते हैं।
सुझाव
1. भरवन बनाने के लिए सारी चीजों को अच्छे से भूनें।
2. डोह ना ज्यादा सख्त ना ज्यादा नरम होना चाहिए। यह ऎसा होना चाहिए कि बिना घी या सूखा आटा लगाए, आसानी से बेला जा सके।
3. कसार भरते हुए ध्यान रखें कि बहुत ज्यादा ना भरें वरना गुजिया खुल सकती है। कसार को पूरी के बीच में ही भरें, यह किनारों तक नही जाना चाहिए वरना गुजिया अच्छे से चिपकेगी नही और तलते समय खुलकर कसार घी में आ जाएगा।
4. गुजिया पर कोई चम्मच या नाखून नही लगना चाहिए, नही तो गुजिया फट सकती है।
5. अगर तलते समय कोई गुजिया फट जाए, तो उसे तुरंत घी से निकालकर अलग रख दीजिए और सबसे अंत में तलिए. इससे घी खराब नही होगा।
6. अगर आप चाहे, तो कसार इकट्ठा बनाकर फ्रिज में रख लें और 15 से 20 दिन में जब आपको समय मिले तब थोड़ी-थोड़ी मैदा गूंथकर गुजिया बना लें और अगर आप 2 से 3 लोग मिलकर गुजिया बना रहे हैं, तो एक बार में ही कम से कम 1 किलो मैदा की गुजिया आसानी से तैयार हो जाती है।
7. मैदा में मोयन डालने के बाद इसे हाथ से बांधकर देखें, यह अच्छे से बाइन्ड होने लगता है।
8. मोयन मैदा के 1/4 भाग का लिया जाता है।
9. पूरी को एकसार बेलें। सांचे से गुजिया जल्दी और आसानी से बन जाती हैं। एक-एक पूरी बनाकर भरने की जगह आप एक साथ 5 से 6 पूरी बेल लीजिए और बाद में साथ में भर लें।
10. पूरी की निचली सतह में हल्की सी नमी होती है, जिससे यह आसानी से चिपक जाती है। कटिंग से गुजिया बनाने के लिए हाथ में थोड़ा सा पानी लगाकर मैदा को मसलकर नरम कर लीजिए और गुजिया बना लीजिए।