Relationship Tips By Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज से जानें सुखी वैवाहिक जीवन के मूल मंत्र, हर पति को करना चाहिए फॉलो

By Ek Baat Bata | Dec 14, 2024

पति-पत्नी का रिश्ता प्यार, सम्मान और विश्वास की डोर से बंधा होता है। लेकिन जब उसी रिश्ते में लालसा, शक और जलन की भावना बढ़ जाती है, तो रिश्ते में दूरियां पैदा होने लगती हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप समय रहते अपने रिश्ते को बचाने के लिए कुछ टिप्स अपनाएं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको प्रेमानंद महाराज के द्वारा बताए गए पति के पांच ऐसे कर्तव्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको अगर हर पति फॉलो करता है, तो उनके वैवाहिक जीवन में हमेशा खुशियां बनी रहेंगी।

न शेयर करें गुप्त बातें
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि अगर आपको वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाना है, तो पत्नी की गुप्त बातों के बारे में अपने माता-पिता को भी नहीं बताना चाहिए। अगर आपको पत्नी की कोई आदत अच्छी नहीं लगती है, तो उसके बारे में उन्हीं से बात करें और उनको समझाने का प्रयास करें। लेकिन उनकी शिकायत कभी भी अपने पेरेंट्स, दोस्तों और रिश्तेदारों से न करें।

लड़ाई के बारे में तीसरे को न बताएं
हर कपल के बीच लड़ाई होती है। लेकिन अपनी लड़ाई के बारे में किसी तीसरे व्यक्ति को नहीं बताना चाहिए। यह सुखी वैवाहिक जीवन का सबसे बड़ा मूल मंत्र होता है। लड़कों की आदत होती है कि पत्नी से झगड़ा होने के बाद वह दोस्तों या फिर परिवार में उसके बारे में बताते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए, इससे आपके बीच में दूरियां आ सकती हैं।

पत्नी का साथ दें
प्रेमानंद महाराज की मानें तो पति को हमेशा अपनी पत्नी का साथ देना चाहिए। कठिन से भी कठिन परिस्थितियों में भी उनका साथ नहीं छोड़ना चाहिए। हर एक परिस्थिति में पत्नी का साथ निभाने से वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है। 

न करें पत्नी की तुलना
पत्नी में आमतौर पर जलन की भावना होती है। कोई भी महिला अपने पति को किसी के साथ बांटना पसंद नहीं करती है। पत्नी को सबसे ज्यादा गुस्सा तब आता है, जब उनका पति दूसरी महिला से अपनी पत्नी की तुलना करता है या फिर पत्नी के सामने किसी और महिला की तारीफ करता है। इसलिए पति को कभी भी अन्य महिला से अपनी पत्नी की तुलना नहीं करनी चाहिए।

पत्नी की सलाह जरूर लें
बता दें कि प्रेमानंद महाराज का मानना है कि पति को अपने हर कार्य में पत्नी का साथ देना चाहिए। जिंदगी से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले पत्नी से सलाह जरूर करें। खासतौर पर पारिवारिक मामलों में पत्नी का साथ जरूर देना चाहिए। पत्नी के फैसले का सम्मान करें।