प्रेगनेंसी के दौरान अपनाएं ये टिप्स, नहीं पड़ेगी सिजेरियन की जरूरत

By Ek Baat Bata | Jan 29, 2021

प्रेगनेंसी के दौरान एक महिला को कई उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ता है. माँ बनने का सुख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. जहां एक तरफ नन्हें मेहमान की खुशी होती है, वहीं दूसरी तरफ डिलीवरी को लेकर मन में कई तरह की चिंताएं होती हैं. आजकल की लाइफस्टाइल और खान-पान की वजह से सिजेरियन डिलीवरी ज़्यादा होने लगी हैं। जब प्रेगनेंट महिला फिजिकली फिट नहीं होती है तो डॉक्टर को अक्सर सिजेरियन डिलीवरी करनी पड़ती है।ऑपरेशन के बाद महिला और बच्चे को अधिक देखभाल की जरूरत होती है। आज के इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी टिप्स बताने जा रहे हैं जिससे नॉर्मल डिलीवरी में मदद मिल सकती है -    

प्रेगनेंसी और लेबर के बारे में जानकारी लें 
सबसे पहले आप प्रेगनेंसी और लेबर से जुड़ी सारी जानकारियां इकट्ठी करें। इससे आपको डिलीवरी के अलग-अलग तरीकों के बारे में पता लगेगा और आप अपने डॉक्टर के साथ मिल कर यह निश्चित कर पाएंगी कि किस तरह की डिलीवरी आपके लिए बेस्ट रहेगी। डिलीवरी और लेबर के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए आप किताबों और गूगल का सहारा ले सकती हैं। 

डिलीवरी के लिए चुनें सही अस्पताल 
अगर आप प्रेगनेंट हैं तो डिलीवरी डेट से 2-4 महीने पहले से ही ऐसे अस्पतालों के बारे में जानकारी इकट्ठा करना शुरू कर दें जो नेचुरल चाइल्ड बर्थ करवाते हों। आजकल चाइल्ड बर्थ के बहुत से ऑप्शन मौजूद हैं इसलिए कौन सा अस्पताल आपके लिए बेस्ट रहेगा इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही डिलीवरी के लिए अस्पताल में कुछ समय पहले से ही कुछ फॉर्मेलिटीज करनी होती हैं इसलिए समय रहते इस बारे में रिसर्च कर लें। 

तनावमुक्त और खुश रहें 
अगर आप नॉर्मल डिलीवरी चाहती हैं तो हमेशा खुश रहने की कोशिश करें। प्रेगनेंट महिलाओं को तनाव से दूर रहना चाहिए क्योंकि इससे आप और आपके होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है।

बहुत अधिक वजन न बढ़ने दें
प्रेगनेंसी के दौरान कुछ किलो वजन बढ़ना तो सामान्य है। लेकिन ध्यान दें कि प्रेगनेंसी में आपका वजन जरूरत से ज़्यादा भी ना बढ़े। प्रेगनेंसी में अत्यधिक वजन के कारण गेस्टेशनल डायबिटीज, हाई बीपी और प्री -एक्लेम्पसिया जैसी समस्याएं होने का खतरा अधिक रहता है। इससे आपके और आपके होने वाले बच्चे की सेहत पर बुरा असर हो सकता है। 

टहलें 
प्रेगनेंट महिलाओं को रोज़ाना कम से कम 20 - 30 मिनट के लिए वॉक जरूर करनी चाहिए। इससे आपका वजन भी कंट्रोल में रहेगा और आप खुद को रिलैक्स भी महसूस करेंगी। इससे आपका और आपके होने वाले बच्चे का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। ध्यान रखें कि ज़्यादा तेज़-तेज़ नहीं चलना है, बस टहलें। 

एक्सरसाइज करें 
आमतौर पर लोगों को लगता है कि प्रेगनेंट महिलाओं को एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। हालाँकि, ऐसा नहीं है। प्रेगनेंसी में भी एक्सरसाइज करना बहुत ज़रूरी है। ऐसी कुछ खास एक्सरसाइजेज भी होती हैं जिनसे नॉर्मल डिलीवरी में मदद मिलती है। इसके साथ ही प्रेगनेंसी के दौरान शरीर के भारी वज़न से आपको जॉइंट्स में दर्द, अकड़न जैसी तकलीफ हो सकती है। इससे बचने के लिए किसी एक्सपर्ट की देखरेख में एक्सरसाइज करें। 

पेल्विक स्ट्रेचिंग करें 
प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला की पेल्विक मसल्स सॉफ्ट हो जाती हैं जिससे डिलीवरी में मदद मिलती है। अगर आप नॉर्मल डिलीवरी चाहती हैं तो पेल्विक स्ट्रेचिंग करें। इससे आपकी पेल्विक मसल्स स्ट्रॉंग बनेंगी, जिससे आपको डिलीवरी के दौरान दर्द कम होगा। ध्यान रहे कि कोई भी एक्सरसाइज या स्ट्रेचिंग किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें। 

योग करें 
प्रेगनेंसी में नियमित रूप से योग करें। इससे आपका तनाव कम होगा, आप रिलैक्स महसूस करेंगे और आपका शरीर नेचुरल डिलीवरी के लिए तैयार हो पाएगा। नियमित योग करने से आपका ब्रीथिंग पैटर्न मजबूत होगा जिससे आपके होने वाले बच्चे तक ऑक्सीजन पहुंचेगी। 
   
अच्छी नींद लें 
प्रेगनेंसी के दौरान अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही एक प्रेगनेंट महिला को सामान्य से 2-3 घंटे अधिक सोने की आवश्यकता होती है। नींद ना पूरी होने के कारण आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है। 

ब्रीदिंग एक्सरसाइज़
प्रेगनेंट महिलाओं को नियमित रूप से ब्रीदिंग एक्सरसाइज करनी चाहिए। इससे होने वाले बच्चे तक ऑक्सीज़न पहुंचेगी और आप लेबर के दौरान होने वाले दर्द को भी ज़्यादा वक्त तक सहन कर पाएंगी। इससे आपको नॉर्मल डिलीवरी में बहुत मदद मिलेगी। 

खान-पान पर ध्यान दें 
प्रेगनेंसी के दौरान अपने खान-पान का खास ख्याल रखें। आप जो खाएंगी उसका असर आपके होने वाले बच्चे पर होगा। इसलिए सही और हेल्दी डाइट लें। अपने आहार में फल-सब्जियों, दूध, घी आदि जरूर शामिल करें। हालाँकि, भूख मिटाने के चक्कर में ओवरईटिंग करने से बचना चाहिए।