वर्किंग यहीं तो यूं करें वट सावित्री व्रत
By Ek Baat Bata | Jan 20, 2021
हिंदू धर्म में ऐसे कई व्रत हैं जो महिलाऐं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। करवा चौथ के अलावा भी वट सावित्री का व्रत भी सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दिन सुहागिन औरतें अपनी पति की लंबी उम्र और खुशहाल शादीशुदा ज़िंदगी के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत में वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि सावित्री ने वट वृक्ष के नीचे ही अपने पति सत्यवान को जीवित किया था। वहीं, यह भी माना जाता है कि वट वृक्ष में त्रिदेव - ब्रह्मा, विष्णु और महेश का निवास होता है। इस दिन महिलाऐं व्रत रखती हैं और बरगद के पेड़ पर रोली लपेट कर परिक्रमा करती हैं।
वैसे तो हर लड़की की माँ या सास उसे वट सावित्री व्रत की पूरी जानकारी देती है लेकिन कई बार ऐसा होता है कि इस दिन आप घर से दूर होती हैं। वहीं, कुछ महिलाऐं जॉब के कारण विधिवत पूजा नहीं कर पाती हैं। अगर आपको भी इस व्रत के बारे में आपको जानकारी नहीं है या आप इस बात को लेकर परेशान हैं कि इस दिन आपको ऑफिस भी जाना है तो पूजा कैसे करें, तो चिंता मत करिए। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप वट सावित्री का व्रत कैसे कर सकती हैं -
वट सावित्री व्रत पूजन सामग्री
यदि आपके पास विधिवत पूजा करने का समय ना हो तो वट सावित्री व्रत में धूप, दीप, रोली, कच्चा सूत, भिगोया हुआ चना, फूल, फल और मिठाई आदि का प्रयोग करें।
घर पर ऐसे करें वट सावित्री पूजा
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहने और सोलह श्रृंगार करें।
- अब पूजा स्थल पर रंगोली बनाएं और एक लकड़ी की चौकी रखकर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
- इसके बाद चौकी पर शिव-पार्वती और लक्ष्मीनारायण की मूर्ति स्थापित करें।
- इसके साथ ही पूजन स्थल पर एक तुलसी का पौधा भी रखें।
- अगर आप बरगद के पेड़ के पास नहीं जा सकती हैं तो उसकी एक टहनी तोड़कर गमले में लगा लें।
- अब सबसे पहले भगवान गणेश और गौरी की पूजा करें। इसके बाद वट वृक्ष में हल्दी, रोली और अक्षत लगाएं। इसके बाद धूप-दीप से पूजन करें और कच्चा सूत, भिगोया हुआ चना, फूल, फल और मिठाई चढ़ाएं।
- इस दिन सत्यवान व सावित्री की कथा भी जरूर सुनें।
- पूजा के बाद भीगे चने, कपड़े, सुहाग की सामग्री और कुछ पैसे अपनी सास को दें और उनका आशीर्वाद लें।
- इसके बाद पूरा दिन व्रत रखने के बाद पूजा में चढ़े भीगे चने फल आदि खाकर अपना व्रत खोलें।