नवरात्रि में इस आसान विधि से करें कलश स्थापना, पढ़ें जरुरी सामग्री की पूरी लिस्ट
By Ek Baat Bata | Mar 18, 2021
जल्द ही नवरात्रि पर्व का शुभारंभ होने वाला है। नवरात्रि में नौ दिनों तक माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-आराधना और व्रत का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में माता के सभी नौ रूपों का अपना अलग महत्व है और माता के सभी रूपों की पूजा से अलग-अलग फल प्राप्त होता है। नवरात्रि के प्रथम दिन पर कलश स्थापना करने का प्रावधान है। इसके लिए मिट्टी, तांबे या फिर चांदी का कलश स्थापित किया जाता है। आज के इस लेख में हम आपको नवरात्रि में कलश स्थापना की आसान विधि बताएंगे -
कलश स्थापना के लिए सामग्री
नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना का विशेष महत्व है। प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना कर माता के नौ दिनों तक पूजा की जाती है। पहले दिन कलश स्थापना के साथ ही मिट्टी के पात्र में जौ भी बोए जाते हैं। नवरात्रि में कलश स्थापना के लिए आपको मिट्टी का कलश और ढकने के लिए ढक्कन, ढक्कन में भरने के लिए चावल, कलश के चारों ओर लगाने के लिए आम के पत्ते की जरूरत होगी। जौ बोने के लिए आप मिट्टी के पात्र, जौ और साफ मिट्टी भी ले आएं। इसके साथ ही आपको माता के आसान के लिए लाल रंग के कपड़े के साथ-साथ पूजा के लिए रक्षा सूत्र, लौंग, इलायची, रोली, कपूर, पान के पत्ते, साबुत सुपारी, अक्षत, नारियल, फूल, फल, आदि की आवश्यकता होगी।
कलश स्थापन की विधि
- कलश स्थापना के लिए सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें।
- अब एक लकड़ी का पटरा रखकर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
- अब इस कपड़े पर थोड़े अक्षत रखें और गणेश जी का स्मरण करें। अब एक मिट्टी के पात्र में जौ बोएँ और इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें। कलश पर रोली से स्वस्तिक या ऊं बनाएँ। इसके मुख पर रक्षा सूत्र बांधें।
- इसमें सुपारी और सिक्का डालकर कलश के चारों तरफ आम या अशोक के पत्ते रखें।
- कलश के मुख को ढक्कन से ढकें। ढक्कन को चावल से भरकर रखें।
- अब एक नारियल लें और उस पर चुनरी लपेटकर इस पर रक्षा सूत्र बांधें।
- इस नारियल को कलश के ढक्कन पर रखते हुए सभी देवताओं का आवाहन करें।
- इसके बाद दीपक जलाकर कलश की पूजा करें और फूल और मिठाइयां चढ़ाएं।