हिंदू धर्म में दिन के अनुसार किसी खास दिशा में यात्रा करने को लेकर कई नियम हैं। ज्योतिषशास्त्र में बताया गया है कि किस दिन किस दिशा में यात्रा करना अशुभ होता है। इसे दिशाशूल के नाम से जाना जाता है। दिशाशूल में दिन के अनुसार किसी विशेष दिशा में जाने पर हानि अथवा अशुभ परिणाम मिलने की आशंका होती है। अजा के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किस दिन कौन सी दिशा में यात्रा करना अशुभ माना जाता है और अगर किसी कारण से दिशाशूल के दौरान यात्रा नहीं टाली जा सकती तो उससे बचने के क्या उपाय करने चाहिए -
सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा की यात्रा करना सही नहीं माना गया है। अगर कोई बहुत जरुरी काम हो तो सोमवार को शीशा देखकर या फूल खाकर घर से निकलना चाहिए।
मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। अगर इस दिन उत्तर दिशा में यात्रा करनी पड़े तो गुड़ खाकर घर से बाहर निकलें।
बुधवार को भी उत्तर दिशा की यात्रा करना अशुभ माना गया है। अगर बुधवार को उत्तर दिशा में यात्रा करनी पड़े तो तिल या धनिया खाकर ही घर से बाहर निकलें।
गुरुवार को दक्षिण दिशा में दिशाशूल होता है इसलिए इस दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि इस दिशा में यात्रा कर रहे हैं तो दही या जीरा खाकर घर से बाहर निकलें।
शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा करना अच्छा नहीं माना गया है। अगर कोई बहुत जरुरी काम हो तो शुक्रवार के दिन जौ या राईं खाकर घर से बाहर निकलें।
शनिवार को पूर्व दिशा में दिशाशूल रहता है इसलिए इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। अगर शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करनी पड़े तो अदरक, उड़द या तिल खाकर घर से निकलें।
रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा करना अशुभ माना गया है। इस दिन पश्चिम दिशा में दिशा शूल रहता है। रविवार को दलिया, घी या पान खाकर और शुक्रवार को जौ या राई खाकर घर से बाहर निकलें।