आज के इस आधुनिक जीवन शैली में लोगों का विश्वास पुरानी बातों से उठ चूका है। किन्तु समझदार लोग आज भी पुरानी बातों के महत्त्व को समझते हुए उन बातों का लाभ हैं। इस लेख में हम आपको बताएँगे की वास्तु शास्त्र में दिशाओं का हमारे जीवन पर किस तरह का प्रभाव पड़ता है। जो कुछ भी आपके जीवन में घटित हो रहा है उसका संबंध किसी न किसी दिशा से जरूर है, और उसका प्रभाव तब देखने को मिलता है जब आपको समस्या होती है और समस्या के संबंधित दिशा में ठीक आप वहीं चीज पाते हैं। जैसे ही आप उसे वहां से हटा देते हैं तो आपके जीवन में वह समस्या दूर हो जाती है।
उत्तर दिशा धन, खजाना, नए अवसर की दिशा है। खजाने का अर्थ है- वह वस्तु जो धन, नकद में परिवर्तित हो सके। अग्नि कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) से नकद कैश आता है पर उस कैश, धन को लाने का माध्यम उत्तर दिशा है। आप जो भी करते हैं उसके बदले आपको धन मिलता है। धन में परिवर्तित करने की जो शक्ति है वो इस उत्तर दिशा से आती है।
प्रत्येक व्यक्ति को कुदरत ने कोई न कोई क्षमता देकर भेजा है बस उस व्यक्ति को पहचनाने की जरूरत है। मेरी कौन-सी क्षमता है, मेरे अंदर क्या क्षमता है जो धन में परिवर्तित हो सकती है। नीले रंग का संबंध उत्तर दिशा से है और लाल रंग का दक्षिण पूर्व दिशा से है। इन दोनों दिशाओं का आपस में जुड़ाव है। क्योंकि एक धन आने का साधन दे रहा है तो दूसरा धन हाथ में होने का साधन दे रहा है आपको जब भी कुछ नए अवसर प्राप्त करने की इच्छा हो या नए अवसरों से आप लाभ न ले पा रहे हों तो सबसे पहले इस दिशा को ठीक करना चाहिए। यदि यह दिशा असंतुलित है तो पैसे की कमी बनी रहेगी और आप अपनी क्षमताओं के अनुसार रिजल्ट प्राप्त नहीं कर सकेंगे।
कुछ लोग कहते हैं कि काम कोई नहीं रूकता धन हाथ में नहीं है, किसी चीज को शुरू करने के लिए धन चाहिए वो अग्नि कोण दिशा से जुड़ा होता है।