Anandiben Patel Birthday: एक दुर्घटना के बाद आनंदीबेन पटेल ने लिया राजनीति में प्रवेश, जानिए गुजरात की पहली महिला सीएम बनने की कहानी

By Ek Baat Bata | Nov 21, 2023

उत्तर प्रदेश की गवर्नर आनंदीबेन पटेल आज यानी की 21 नवंबर को अपना 81वां जन्मदिन मना रही हैं। आनंदीबेन पटेल करीब तीन दशक तक गुजरात की राजनीति में सक्रिय रहीं और पीएम नरेंद्र मोदी की विश्वासपात्र मानी जाती हैं। भले ही वह लंबे समय से गुजरात की राजनीति से बाहर हैं, लेकिन आज भी गुजरात की राजनीति में आनंदीबेन पटेल का जिक्र किया जाता है। जब पीएम मोदी देश के प्रधानमंत्री बने, तो गुजरात के मुख्यमंत्री का पद आनंदीबेन को मिला। बता दें कि वह गुजरात की पहली महिला सीएम बनीं। आइए जानते हैं उनके बर्थडे के मौके पर आनंदीबेन पटेल के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में

जन्म
गुजरात के एक गांधीवादी परिवार में 21 नवंबर 1941 को आनंदीबेन पटेल का जन्म हुआ था। वह बचपन से ही एथलेटिक्स और खेल-कूद में सक्रिय थीं। वहीं उन्होंने कई प्रतिस्पार्धाओं को जीत पुरस्कार भी प्राप्त किए। आनंदीबेन पटेल की शादी मफतभाई पटेल के साथ हुई, जो उन दिनों गुजरात के कद्दावर नेताओं में से एक थे। आनंदीबेन पटेल अहमदाबाद के मोहिनाबा गर्ल्‍स हाई स्कूल में गणित की शिक्षक और फिर प्रिसिंपल रही। उस दौरान हुए एक दुर्घटना के बाद उनका राजनीति में प्रवेश हुआ। 

बता दें कि साल 1987 में वह स्कूल की लड़कियों के साथ सरदार सरोवर जलाशय के पिकनिक पर गई हुई थीं। उसी दौरान दो लड़कियां जलाशय में फिसल गईं। उन लड़कियों को डूबता देख आनंदीबेन पटेल ने जलाशय में छलांग लगा दी और लड़कियों को सुरक्षित बाहर निकाल लाईं। जिसके बाद उनकी बहादुरी की खूब चर्चा हुई और आनंदीबेन पटेल को राष्ट्रपति बहादुरी अवॉर्ड से नवाजा गया। 

राजनीति में प्रवेश 
वीरता पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के बाद बीजेपी की टॉप लीडरशिप की नजर उन पर पड़ी और नरेंद्र मोदी के कहने पर वह गुजरात प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष बनकर बीजेपी में शामिल हो गईं। हांलाकि जब आनंदीबेन पटेल बीजेपी से जुड़ीं तो पार्टी में महिलाओं की संख्या ना के बराबर थीं। लेकिन वहीं कुछ समय बाद वह एक निडर नेता के तौर पर उभरीं। आनंदीबेन ने संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी संभाली और उनके अच्छे काम को देखते हुए साल 1994 में उन्हें पार्टी ने राज्यसभा भेज दिया। उस दौरान आनंदीबेन पटेल की उम्र 53 साल थी। फिर साल 1998 से 2012 तक वह लगातार गुजरात विधानसभा की सदस्य बनीं। वहीं केशुभाई पटेल की सरकार में आनंदीबेन पटेल को शिक्षामंत्री बनाया गया। वहीं साल 2007-14 तक उन्होंने राजस्व मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली। 

गुजरात की पहली महिला सीएम
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 22 मई 2014 को आनंदीबेन पटेल ने गुजरात की पहली महिला सीएम होने का खिताब अपने नाम किया। बतौर सीएम उन्होंने राज्य को 100 प्रतिशत खुले में शौच-मुक्त करने का अभियान चलाया।इसके अलावा महिलाओं के लिए कैंसर की जांच और मुफ्त में इलाज की सुविधा शुरू की। इसके अलावा आनंदीबेन पटेल ने सर्वसम्मति से नर्मदा के पानी को खेत तक पहुंचाने के लिए जमीन संपादक का अभियान चलाया। 

आनंदीबेन पटेल का ख्यमंत्री कार्यकाल काफी उपलब्धियों से भरा रहा। साल 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी और गुजरात के व्यापारिक प्रतिनिधि मंडल के साथ बतौर सीएम उन्होंने चीन का दौरा किया। वहीं बाद में निजी कारणों के चलते उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। उनके बाद विजय रूपाणी को गुजरात का अलग सीएम बनाया गया था। साल 2018 को आनंदीबेन पटेल ने मध्यप्रदेश का कार्यभार संभाला। फिर 15 अगस्त 2018 में आनंदीबेन पटेल को मध्यप्रदेश के साथ छत्तीसगढ़ के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया और फिर वर्तमान समय में वह उत्तर प्रदेश की राज्यपाल पद की जिम्मेदारियां संभाल रही हैं। 

आयरन लेडी
आनंदीबेन पटेल ने राजनीति में जो भी जिम्मेदारियां संभाली, उन्होंने अपनी एक अलग लकीर खींची। राजनीति में प्रवेश के बाद आनंदीबेन पटेल की पहचान एक सख्त प्रशासक के तौर पर रही। वह 'आयरन लेडी' के तौर पर भी जानी जाती हैं।