ट्रेन में अकेले सफर करने वाली महिला यात्रियों को अब डरने की जरूरत नहीं है। भारतीय रेलवे ने ट्रेन में अकेले सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक अहम पहल की है। हाल ही में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने महिला यात्रियों की सुरक्षा पर केंद्रित 'मेरी सहेली' अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत आरपीएफ की महिला टीम ट्रेन में अकेले यात्रा कर रही महिला यात्रिओं का हाल-चाल पूछेगी और उन्हें सुरक्षा प्रदान करेगी। इसके अलावा महिला यात्रिओं को सफर के दौरान कोई परेशानी होती है तो इसका समाधान भी महिला विंग करेगी। रेलवे के मुताबिक कि इस पहल से ट्रेन में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में कमी आएगी। आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से ट्रेन में अकेले यात्रा कर रही महिलाओं को सफर के दौरान परेशानी की कई शिकायतें आ सामने रही थीं।महिलाऐं अकेले यात्रा करने में खुद को असुरक्षित महसूस करती थीं। इसी को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 'मेरी सहेली' अभियान शुरू किया है।
आपको बता दें कि इस पहल को सितंबर 2020 में दक्षिण पूर्व रेलवे में एक पायलट परियोजना के रूप में शुरू किया गया था। महिला यात्रियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद इसे 17 अक्टूबर 2020 से सभी क्षेत्रों और कोंकण रेलवे के लिए बढ़ा दिया गया था।
महिला यात्रियों को किया जाएगा जागरूक
रेलवे के इस अभियान के तहत प्रारंभिक स्टेशन से गंतव्य स्टेशन तक ट्रेनों से यात्रा के दौरान महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। इस पहल के तहत आरपीएफ की महिला विंग ट्रेन में सफर कर रही महिला यात्रियों को यात्रा के दौरान बरती जाने वाली सभी सावधानियों के बारे में जागरूक करेगी।
सफर में परेशानी होने पर हेल्पलाइन पर कॉल करें
अकेले यात्रा करने वाली महिला यात्री कोई परेशानी या दिक्कत होने पर आरपीएफ हेल्पलाइन नंबर 182 डायल करके ट्रेन एस्कॉर्ट को अपने पास बुला सकती हैं। अगर महिलाओं से जुड़ी किसी समस्या की सूचना दी जाती है तो उन्हें रेलवे द्वारा हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी।
मेरी सहेली टीम से कर सकेंगी शिकायत
यदि यात्रा के दौरान महिला यात्री को कोई मनचला परेशान करता है या अन्य समस्या होती है तो वह ‘मेरी सहेली’ टीम से अपनी बात कह सकती है। उसकी पूरी मदद की जाएगी। रेलवे बोर्ड के अनुसार, हर कोच में आरपीएफ की टीम महिला यात्रियों का हाल-चाल लेती है। रेल मंत्रालय के अनुसार अगर इस अभियान के तहत आई संकट कॉल के निपटान की निगरानी वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर की जाएगी।
कंट्रोल रूम भेजी जाएंगी डिटेल्स
आरपीएफ की टीम महिला यात्रियों की सीटों के नंबर नोट करेगी और कंट्रोल रूम के जरिए उन स्टेशनों को उपलब्ध कराएगी जहां ट्रेन रुकेगी। एनफोर्समेंट स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म ड्यूटी पर आरपीएफ के जवान संबंधित कोच और बर्थ पर नजर रखेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो वे महिला यात्रियों से बातचीत भी करेंगे।