कभी बर्तन धोकर भरा पेट तो कभी सोई भूखे पेट, पढ़ें मिस इंडिया रनर अप मान्या सिंह की कहानी
By Ek Baat Bata | Feb 17, 2021
"अगर हौसला बुलंद हो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं होती।" इस बात को सच साबित किया है वीएलसीसी फेमिना मिस इंडिया की रनर अप मान्या सिंह ने। एक गरीब परिवार में जन्मी ऑटो रिक्शा चालक की बेटी मान्या को फेमिना को मिस इंडिया 2020 की रनरअप चुना गया है। मान्या की इस जीत पर न सिर्फ उनके माता-पिता और गाँव वालों को, बल्कि उन सभी लोगों को गर्व है जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर कामयाबी हासिल की है। आइए जानते हैं मान्या की कामयाबी का कहानी -
मान्या सिंह का जन्म कुशीनगर, उत्तर प्रदेश के एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता एक ऑटो-रिक्शा चालक हैं और उनकी माँ एक ब्यूटी पार्लर में हेयर ड्रेसर हैं। मान्या का एक छोटा भाई भी है, जो अभी अपनी पढाई पूरी कर रहा है। मान्या ने अपनी स्कूली शिक्षा एस।एम। लोहिया हाई स्कूल, महाराष्ट्र से पूरी की है। उन्होंने बैचलर ऑफ बैंकिंग एंड इंश्योरेंस की पढ़ाई की है। इसके बाद वे ठाकुर कॉलेज ऑफ साइंस एंड कॉमर्स, मुंबई से मैनेजमेंट की स्नातक की डिग्री पूरी कर रही हैं। मान्या सिंह के लिए मिस इंडिया की रनरअप बनने तक का सफर काफी संघर्ष भरा रहा है। एक ऑटो चालक की बेटी होने के नाते मान्या को जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।
अपने संघर्ष की कहानी के बारे में बताते हुए मान्या ने कहा कि उन्होंने कई रातें भूखे पेट भी गुजारी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वे पैसों को बचाने के लिए मीलों तक पैदल चलती थी। मान्या ने कहा कि मेरे पास किताबें खरीदने के भी पैसे नहीं थे और पहनने के लिए कपड़े कम थे। उन्होंने अपने मन को मार कर किताबों और कपड़ों से दूरी बनाई जिन्हें वह खरीदना चाहती थीं। मान्या बताती हैं कि उनकी सफलता के पीछे उनके माता-पिता का हाथ है। मान्या ने बताया की उनकी माँ ने अपने जेवरों को गिरवी रख कर उनकी पढ़ाई और परीक्षा की फीस भरी।
मान्या ने बहुत छोटी सी उम्र से ही काम करना शुरू कर दिया था। 14 वर्ष की उम्र में मान्या अपने सपनों को पूरा करने के लिए घर से भाग कर मुंबई आई थीं। उन्होंने एक कॉल सेंटर में काम किया। 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने पिज़्ज़ा हट में भी काम किया, जहाँ वे बर्तन धोती थीं। उन्होंने पिज्जा हट में काम करते हुए भी अपने 10वीं बोर्ड में 80% अंक हासिल किए। पिछले साल दिसंबर में वह तीन लाख से ज्यादा प्रतिभागियों में मिस यूपी चुनी गई। हालाँकि, मान्या के सपने बड़े हैं और इसके लिए उन्होंने अपना प्रयास जारी रखा। 10 फरवरी की रात मुंबई में आयोजित वीएलसीसी फेमिना मिस इंडिया में मान्या को रनर अप चुना गया।
मान्या ने पीटीआई-को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘‘मैं मिस इंडिया का ख्वाब देखने से भी डरती थी। मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं, लगता है कि मेरे जैसा कोई इतना बड़ा सपना कैसे पूरा कर सकता है। लेकिन आज वह सपना सच हो गया। अब सुकून है कि मैंने कर दिखाया, मैंने अपने माता-पिता का सिर गर्व से ऊंचा किया।’’