Kalpana Chawla Death Anniversary: अंतरिक्ष से लगाव बना कल्पना चावला की मौत की वजह, बुलंद हौसलों से पूरे किए अपने सपने

By Ek Baat Bata | Feb 01, 2024

अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला कल्पना चावला की आज ही के दिन यानी की 1 फरवरी को निधन हो गया था। बता दें कि अक्सर वह कहा करती थी कि वह अंतरिक्ष के लिए बनी हैं। उनके द्वारा कही गई बातें सच भी साबित हुईं। लेकिन कल्पना ने जब 41 साल की उम्र में अपनी दूसरी अंतरिक्ष यात्रा की तो उसी दौरान यात्रा से लौटते वक्त उनका स्पेस शटल हादसे का शिकार हो गया। अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली पहली भारतीय मूल की महिला कल्पना चावला की यह उपलब्धि सिर्फ महिलाओं के लिए ही प्रेरणा नहीं, बल्कि भारत के लिए भी गर्व की बात है। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर कल्पना चावला के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...

जन्म और शिक्षा
हरियाणा के करनाल में 17 मार्च 1962 को कल्पना चावला का जन्म हुआ था। वह चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं। प्यार से कल्पना को परिवार वाले मोंटू कहा करते थे। वहीं 8वीं कक्षा में पढ़ने के दौरान कल्पना ने पिता के सामने इंजीनियर बनने की इच्छा जाहिर कर दी थी। लेकिन कल्पना के पिता चाहते थे कि उनकी बेटी डॉक्टर या फिर टीचर बनें। उनकी शुरूआती शिक्षा करनाल के टैगोर बाल निकेतन में हुई। स्कूल शिक्षा पूरी होने के बाद साल 1982 में कल्पना ने पंजाब के इंजीनियरिंग कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया।

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी
महज 20 साल की उम्र में आगे की पढ़ाई करने के लिए कल्पना चावला ने अमेरिका का रुख किया। यहां पर उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में दाखिला लिया और दो सालों में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की। अब वह अपने सपने के एक कदम और करीब आ चुकी थीं। वहीं साल 1986 में उन्होंने मास्टर्स की दूसरी डिग्री हासिल की। फिर साल 1988 में कल्पना ने इंजीनियरिंग में पीएचडी की। इसके बाद उनके पास कमर्शियल पायलट का लाइसेंस भी था। बता दें कि वह सर्टिफाइड फ्लाइट इंस्ट्रक्टर थीं।

ऐसे भरी सपनों की उड़ान
साल 1993 में कल्पना चावला ने पहली बार नासा में अप्लाई किया था। लेकिन उस दौरान उनको रिजेक्ट कर दिया था। लेकिन कल्पना ने भी हार मानना कहां सीखा था। साल 1995 में कल्पना चावला का नासा ने अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना। वहीं कल्पना को साल 1998 में पहली अंतरिक्ष यात्रा के लिए चुना गया। पहली अंतरिक्ष यात्रा के दौरान कल्पना से स्पेस में 372 घंटे बिताए थे। इसके बाद कल्पना चावला का नाम इतिहास में दर्ज हो गया और वह पहली भारतीय मूल की महिला बनीं, जो अंतरिक्ष पर पहुंची थी।

ऐसे हुई मौत
वहीं साल 2000 में दूसरी बार स्पेय यात्रा के लिए कल्पना चावला का चयन हुआ। लेकिन इस मिशन में तीन साल की देरी हुई। जिसके चलते यह मिशन साल 2003 में लांच किया गया। वहीं 16 जनवरी 2003 को कोलंबिया फ्लाइट STS 107 से कल्पना चावला के दूसरे मिशन की शुरूआत हुई। जब कल्पना का विमान कामयाबी के आगाज के साथ धरती पर वापसी कर रहा था। तभी 1 फरवरी 2003 को कोलंबिया अंतरिक्ष यान के पृथ्वी वायुमंडल में प्रवेश करते ही उसकी उष्मारोधी परतें फट गईं और यान का तापमान अधिक बढ़ने के कारण यह हादसे का शिकार हो गया। इस मिशन में कुल 7 लोग शामिल थे। इस हादसे में कल्पना चावला समेत सभी लोगों की मौत हो गई।