नयी दिल्ली। स्टार फर्राटा धाविका दुती चंद ने बुधवार को कहा कि वह अभी खत्म नहीं हुई है और समलैंगिक रिश्ते के खुलासे के बाद कुछ हलकों में फैली नकारात्मकता के बावजूद पिछले सप्ताह विश्व यूनिवर्सिटी खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद उसकी नयी सफलतायें अर्जित करने की लालसा बढ गई है। तेईस बरस की दुती ने नौ जुलाई को नपोली में विश्व यूनिवर्सिटी खेलों में स्वर्ण पदक जीता और वह यह कारनामा करने वाली पहली भारतीय महिला बन गई।
दुती ने कहा कि यह उनके आलोचको को करारा जवाब है जिन्होंने समलैंगिक रिश्ता कबूल करने के बाद उनका बोरिया बिस्तर बंधवा दिया था। उन्होंने प्रेस ट्रस्ट से कहा कि कई लोगों ने खराब भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि दुती का फोकस निजी जीवन पर है और एथलेटिक्स में उनका कैरियर खत्म हो गया है। मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि मैं अभी खत्म नहीं हुई हूं। उन्होंने कहा कि जिस तरह दूसरे इंसान अपनी निजी जिंदगी को लेकर चिंतित होते हैं , वैसे ही मैं भी हूं। यही वजह है कि मैने अपने रिश्ते के बारे में स्वीकार किया।
दुती ने कहा कि इसके यह मायने नहीं है कि मेरा अपने कैरियर पर ध्यान नहीं है। मैने अपना रिश्ता इसलिये स्वीकार किया क्योंकि मुझे लगा कि वह जरूरी है। अब मेरा फोकस पहले से ज्यादा अपने कैरियर पर है। विश्व यूनिवर्सिटी खेलों में पदक जीतने के बाद उसने ट्वीट किया था ,‘‘ मुझे नीचा दिखाओ, मैं और मजबूती से उभरूंगी। दुती को अभी दोहा में इस साल के आखिर में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप और अगले साल तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करना है।
उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर यह मेरा पहला स्वर्ण है लेकिन आगे का रास्ता कठिन है। मेरा लक्ष्य विश्व चैम्पियनशिप और फिर ओलंपिक है। मुझे इतने सारे लोगों से बधाई संदेश आये लेकिन मेरे पैर जमीन पर है। मुझे आगे अहम टूर्नामेंटों पर ध्यान देना है। दुती ने कहा कि मैने अभी विश्व चैम्पियनशिप या ओलंपिक के लिये क्वालीफाई नहीं किया है। इस बार क्वालीफाइंग टाइमिंग और कठिन है। मैने भारतीय एथलेटिक्स महासंघ से एशिया या यूरोप में कुछ टूर्नामेंट का बंदोबस्त करने के लिये कहा है ताकि मैं क्वालीफाई कर सकूं।