By Ek Baat Bata | Dec 26, 2019
सुषमा स्वराज भाजपा की एक बेहतरीन हस्ती थीं जिन्होंने बहुत से नामुमकिन काम भी करके दिखाए थे। सुषमा स्वराज भारत की एक राजनीतिज्ञ और भारत की पूर्व विदेश मंत्री थीं। सुषमा स्वराज ने अपने कामों से भारतीय समाज में एक प्रखर वक्ता की छवि बनाई थी। सुषमा स्वराज को अपने भेतरीन कामों की वजह से जन मंत्री के नाम से पुकारे जाने लगा। सुषमा स्वराज जब विदेश मंत्री बनी तो ये सिर्फ एक ट्वीट के जरिए हज़ारों लोगों से जुड़ने लग गई थी। 2009 में सुषमा स्वराज भारत की भारतीय जनता पार्टी द्वारा संसद में विपक्ष की नेता चुनी गई थीं, इसकी वजह से सुषमा स्वराज पन्द्रहवीं लोकसभा की नेता थी।
प्रारम्भिक जीवन- सुषमा स्वराज शादी से पहले अपने नाम के पीछे शर्मा लगाती थी, सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 में हरियाणा राज्य के अम्बाला छावनी में हरदेव शर्मा तथा लक्ष्मी देवी के परिवार में हुआ था। सुषमा स्वराज के पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य थे। सुषमा जी का घर लाहौर के धरमपुरा क्षेत्र में था, जो अब पाकिस्तान में लगता है। सुषमा स्वराज ने अम्बाला के कॉलेज से अपनी संस्कृत और राजनीतिक की डिग्री प्राप्त की थी। 1970 में सुषमा स्वराज अपने कॉलेज में प्रथम आने वाली छात्रा थी। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में कानून की पढ़ाई भी की थी। 13 जुलाई 1975 को उनका विवाह स्वराज कौशल के साथ हुआ। उनके पति स्वराज कौशल, समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस के साथ निकटता से जुड़े थे और सुषमा स्वराज 1975 में जॉर्ज फर्नांडीस की कानूनी रक्षा टीम का हिस्सा बनीं। उन्होंने जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। आपातकाल के बाद, वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं बाद में, वह भाजपा की राष्ट्रीय नेता बन गईं।
संस्कृत से था भरपूर प्रेम- सुषमा स्वराज की हिंदी भाषा बहुत अच्छी थी लेकिन उनकी संस्कृत में पकड़ काफी अच्छी थी। सुषमा स्वराज विश्व हिन्दी सम्मेलनों में बढ़चढ़कर भाग लेतीं थीं। संस्कृत से भी सुषमा स्वराज का बेहद प्रेम था। सुषमा स्वराज ज्यादातर संस्कृत में शपत लेती थी उन्होंने बहुत से महत्वपूर्ण अवसरों में संस्कृत में भाषण दिए थे। सुषमा स्वराज को बहुत भाषाओं में रूचि थी उन्होंने हिंदी, इंग्लिश, संस्कृत, हरियाणवी, पंजाबी, उर्दू और कन्नड़ भी सिख रखी थी।
राजनीतिक जीवन- 70 के दशक में सुषमा स्वराज ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गई थी। 1977 में उन्होंने अम्बाला छावनी विधानसभा क्षेत्र से हरियाणा विधानसभा के लिए विधायक का चुनाव जीता। 80 के दशक में भारतीय जनता पार्टी के गठन पर वह भी इसमें शामिल हुई थी। 1987- 1990 भी वे अम्बाला छावनी से विधायक रही थी। अप्रैल1990 में उन्हें राज्यसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित किया गया था, जहाँ 1996 तक रही। मार्च 1998 में उन्होंने दक्षिण दिल्ली संसदीय क्षेत्र से एक बार फिर चुनाव जीता। इस बार फिर से उन्होंने वाजपेयी सरकार में दूरसंचार मंत्रालय के अतिरिक्त प्रभार के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में शपथ ली थी। अक्टूबर 1998 में उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया, और 12 अक्टूबर 1949 को दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। साल 2014 में वे विदेश लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से दोबारा लोकसभा की सांसद निर्वाचित हुई हैं और उन्हें भारत की पहली महिला विदेश मंत्री होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
ज़िन्दगी का सफर- भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज की 67 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उसके बाद उन्हें दिल्ली के माने हुए हॉस्पिटल एम्स में लेकर गए, एम्स में पांच डॉक्टरों की टीम ने मिलकर उनका इलाज करने की कोशिश की लकिन उन्हें बचा नहीं जा सकें हालत नाजुक होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई।
भारतीय जनता पार्टी की सबसे मशहूर हस्ती सुषमा स्वराज ने लोगों के लिए बहुत ही अच्छे काम किए है जिनकी वजह से उन्हें आज भी सब ने अपने दिल में ज़िंदा रखा हुआ है।