Mayawati Birthday: चार बार संभाली उत्तर प्रदेश की कमान, यूपी की राजनीति की सबसे दमदार शख्सियत हैं मायावती

By Ek Baat Bata | Jan 15, 2024

भारतीय महिला राजनेता और बसपा सुप्रीमो मायावती आज यानी की 15 जनवरी अपना 68वां जन्मदिन मना रही हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति में मायावती एक दमदार चेहरा हैं। मायावती उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।
 
भारतीय राजनीति में मायावती एक दमदार व्यक्तित्व वाली महिला के तौर पर जानी जाती हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश की सीएम के तौर पर अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन किया। जब भी यूपी की राजनीति का जिक्र होता है, तो मायावती का जिक्र होना लाजमी होता है। आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर मायावती के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में...

जन्म और शिक्षा
देश की राजधानी दिल्ली में 15 जनवरी 1956 में मायावती का जन्म हुआ था। वह एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती थीं। उनके पिता का नाम प्रभुदास और माता का नाम रामरती था। दिल्ली-नोएडा में पली-बढ़ी मायावती ने अपनी शुरूआती शिक्षा पूरी करने के बाद साल 1975 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के कालिंदी कॉलेज से कला में स्नातक किया था। इसके बाद साल 1976 में उन्होंने मेरठ यूनिवर्सिटी से बीएड की डिग्री हासिल की। वहीं साल 1983 में मायावती ने दिल्ली विश्वविद्यालय से LLB किया।

IAS बनना चाहती थीं मायावती
भले ही मायावती राजनीति का एक जान-पहचाना नाम हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वह राजनीति की जगह कुछ और करना चाहती थीं। मायावती बचपन से IAS बनने का सपना देखती थीं। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने प्रशासनिक सेवा में शामिल होने के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी की। हांलाकि तैयारी के साथ ही वह इस दौरान दिल्ली के एक स्कूल में अध्यापिका के तौर पर बच्चों को पढ़ाने लगीं।

राजनीति में एंट्री
प्रशासनिक सेवा का सपना देखने वाली मायावती ने भले ही एक टीचर के तौर पर अपने करियर की शुरूआत की थी। लेकिन बाद में वह राजनीति में सक्रिय हो गईं। दरअसल, मायावती शुरू से ही बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के विचारों से काफी प्रभावित थीं। इसी बीच वह कांशीराम के सम्पर्क में आईं। वहीं साल 1977 में कांशीराम मायावती के घर पहुंचे, जहां पर दोनों की मुलाकात हुई। मुलाकात के दौरान वह मायावती के विचारों से काफी ज्यादा प्रभावित हुए। 

कांशीराम ने साल 1984 में बहुजन समाज पार्टी यानी की बसपा की स्थापना की तो उसमें मायावती को भी शामिल किया। हांलाकि यह बात शायद बहुत कम लोगों को पता होगी कि मायावती के पिता नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी राजनीति में आएं। लेकिन मायावती ने बसपा पार्टी को ज्वॉइन किया और पार्टी की कोर टीम का हिस्सा बनीं। मायावती के इस फैसले से उनके पिता ने उनसे रिश्ते तोड़ लिए थे।

चार बार बनीं यूपी की सीएम
मायावती ने राजनीति में अपनी राह चुनी। दलितों की आवाज उठाने के लिए वह उत्तर प्रदेश की राजनीति में शामिल हो गईं। बता दें कि मायावती चार बार सूबे की सीएम बनीं। सबसे पहली बार साल 1995 में वह उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं। इसके बाद साल 1997 और साल 2002 में वह उत्तर प्रदेश की मुखिया बनीं। इसके बाद साल 2007 में एक बार फिर उत्तर प्रदेश की जनता ने सत्ता की चाभी मायावती के हाथ सौंपी। 

बसपा सरकार के कार्यकाल के दौरान उन्होंने अंबेडकर नगर का गठन किया। इसके अलावा पांच अन्य जिलों का गठन किया। इसमें उन्होंने गौतमबुद्ध नगर को गाजियाबाद से अलक किया। वहीं इलाहाबाद से कौशांबी और मुरादाबाद से ज्योतिबाराव फूले नगर को अलग कर दिया। बतौर सीएम मायावती ने उत्तर प्रदेश का कायाकल्प भी किया।