पेरेंट्स को बच्चों की बातों और बिहेवियर को इग्नोर नहीं करना चाहिए। क्योंकि हो सकता है उस दौरान आपके बच्चे को इमोशनल सपोर्ट की जरूरत हो। वहीं बच्चे अपने माता-पिता के बेहद करीब होते हैं और उनसे हर बात शेयर करते हैं।